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वायु

भिवंडी में बढ़कर 350 पर पहुंचा एक्यूआई, बढ़ते ओजोन से सांस लेना हुआ दुश्वार

भिवंडी की तरह ही आज देश में बर्नीहाट, धौलपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, इंफाल, जैसलमेर, कल्याण, मंडी गोबिंदगढ़, नंदेसरी, पाली, तालचेर और वातवा में भी स्थिति चिंताजनक है

Lalit Maurya

भारत में दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ आज भिवंडी की हवा सबसे प्रदूषित हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 तक पहुंच गया है। मतलब कि भिवंडी की हवा लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 02 जुलाई 2025 को जारी रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि इस दौरान भिवंडी की हवा में ओजोन हावी रहा। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों के लिहाज से देखें तो भिवंडी में प्रदूषण का स्तर 483 फीसदी अधिक है।

गौरतलब है कि कल देश में नंदेसरी की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई 147 दर्ज किया गया था। हालांकि कल से नंदेसरी की हवा में 23 अंकों का सुधार आया है।

वहीं दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई नौ दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर भिवंडी की तुलना शिलांग से करें तो स्थिति 38 गुणा खराब है।

वहीं प्रदूषण के मामले में आज ग्रेटर नोएडा (179) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (140) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 124 अंकों के साथ नंदेसरी चौथे जबकि गुम्मिडिपूंडी (123) पांचवें पायदान पर बना हुआ है। पाली में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 117 अंको के साथ छठे स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में इंफाल (110), मंडी गोबिंदगढ़ (110), धौलपुर (105) और वातवा (105) भी शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां ग्रेटर नोएडा, नंदेसरी, पाली, धौलपुर, कल्याण, जैसलमेर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी थे। वहीं बर्नीहाट, गुम्मिडिपूंडी आदि शहरों में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक है।

देश में शिलांग सहित 108 शहरों की हवा साफ है।

इन शहरों में कलबुर्गी, काशीपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मालेगांव, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश आदि शामिल हैं।

चिंता की बात है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के छोटे-बड़े 99 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

इन शहरों में चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मेरठ आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।  

मेघालय के बर्नीहाट की तरह ही आज देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में धौलपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, इंफाल, जैसलमेर, कल्याण, मंडी गोबिंदगढ़, नंदेसरी, पाली, तालचेर, वातवा आदि शामिल हैं। कल से तुलना करे तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 49 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 45 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ करीब छह फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

क्या कहते हैं आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 220 में से 108 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 01 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 94 दर्ज किया गया था।

12 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में भिवंडी (350) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 147 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और वायु गुणवत्ता सूचकांक 83 पर बना हुआ है। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नंदेसरी चौथे स्थान पर है, वहीं ग्रेटर नोएडा (179) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (140) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 41, गाजियाबाद में 86, गुवाहाटी में 81, गुरूग्राम में 60, नोएडा में 92, ग्रेटर नोएडा में 179 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 53 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 61, चेन्नई में 85, चंडीगढ़ में 56, हैदराबाद में 58, जयपुर में 58 और पटना में 59 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 108 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हुबली, जबलपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, जोरापोखर, कलबुर्गी, काशीपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मालेगांव, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नोएडा, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 99 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।