वायु

एयर क्वालिटी ट्रैकर: प्रदूषण से श्रीगंगानगर में हालात खराब, आइजोल-मदिकेरी में सबसे साफ रही हवा

Lalit Maurya

देश में बढ़ते प्रदूषण के मामले में श्रीगंगानगर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 218 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बर्नीहाट, ग्रेटर नोएडा, चंडीगढ़, सिवान, गाजियाबाद, रोहतक, भागलपुर, बीकानेर, मंडी गोबिंदगढ़ शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल और मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 20 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि श्रीगंगानगर की तुलना इन दोनों शहरों की वायु गुणवत्ता से करें तो वहां स्थिति दस गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि देश में आइजोल और मदिकेरी की तरह ही 100 से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

इनमें हुबली, जालौर, झालावाड़, कलबुर्गी, करौली, करनाल, कारवार, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, परभनी, पटियाला आदि शामिल थे। कल से देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में कोई बदलाव नहीं आया है। उन शहरों की संख्या जस की तस बनी हुई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से वहां प्रदूषण में इजाफा देखा गया, जहां 26 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 117 पर पहुंच गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता का स्तर जो संतोषजनक बना हुआ था, वो अब गिरकर मध्यम स्तर पर पहुंच गया है।

वहीं दूसरी ओर पड़ोसी शहर फरीदाबाद में कल से स्थिति में सुधार हुआ है। फरीदाबाद में चार अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 71 पर पहुंच गया। इस तरह आज भी वहां वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

देश में फरीदाबाद की तरह ही 109 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों में चेन्नई, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, देवास, धौलपुर, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हिसार, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, झांसी, झुंझुनूं, जींद आदि शहर शामिल थे।

कल की तुलना में देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब छह फीसद का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की तरह ही देश के 18 अन्य शहरों में प्रदूषण मध्यम श्रेणी में बना हुआ है। इन शहरों में भागलपुर, बीकानेर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, इंफाल, खुर्जा, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मुजफ्फरनगर, नोएडा, रोहतक, रूपनगर, सिंगरौली, सिवान, सुआकाती आदि शहर शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले इन शहरों की संख्या में 58 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

कुल मिलकर देखें तो देश के 44 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं 47 फीसदी से ज्यादा में स्थिति संतोषजनक है, जबकि करीब नौ फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 233 में से 103 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 08 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 104 दर्ज किया गया था। 19 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (218) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (117) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 26 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 71, गाजियाबाद में 140, गुरुग्राम में 114, नोएडा में 125, ग्रेटर नोएडा में 172 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 37 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 67, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 156, हैदराबाद में 57, जयपुर में 62 और पटना में 67 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 103 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, बल्लभगढ़, बारां, बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गडग, गंगटोक, गया, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, जालौर, झालावाड़, कलबुर्गी, करौली, करनाल, कारवार, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अम्बाला, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, बेतिया, भिलाई, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, देवास, धौलपुर, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हिसार, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मानेसर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नारनौल, पाली, पंचकुला, पानीपत, पटना, पीथमपुर, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सतना, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, सूरत, तालचेर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विशाखापत्तनम, यमुनानगर आदि 110 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।