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वायु

लगातार तीसरे दिन प्रदूषण में अव्वल गुरुग्राम, साफ हवा वाले शहरों में आई कमी

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 54 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 40 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 6 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं

Lalit Maurya

देश में आज लगातार तीसरे दिन गुरूग्राम की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 255 रिकॉर्ड किया गया। हालांकि कल से हरियाणा के इस शहर में प्रदूषण के स्तर में 50 अंकों की गिरावट आई है।

देखा जाए तो आज एक बार फिर गुरुग्राम की हवा में ओजोन के महीन कण हावी रहे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मानकों के लिहाज से देखें तो गुरूग्राम में प्रदूषण का स्तर 325 फीसदी अधिक है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर आज भी लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि कल भी प्रदूषण से गुरूग्राम की स्थिति सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 तक पहुंच गया था। हालांकि आज इसमें 50 अंकों का सुधार आया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 अगस्त 2025 को जारी आंकड़ों से पता चला है कि देश के जहां 54 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 40 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 6 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषण के मामले में समस्तीपुर दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 232 रिकॉर्ड किया गया है। डब्ल्यूएचओ मानकों से समस्तीपुर में प्रदूषण का स्तर 1400 फीसदी अधिक है। इसी तरह धौलपुर (171) दूसरे जबकि गुम्मिडिपूंडी (147) तीसरे पायदान पर है।

औरंगाबाद (बिहार) में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 139 अंकों के साथ आज प्रदूषण में चौथे स्थान पर है। 137 अंकों के साथ जलना छठे जबकि सहरसा (127) सातवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज ग्रेटर नोएडा (125), छपरा (114) और बीकानेर (108) भी शामिल हैं।

आंकड़ों से पता चला है कि आज जहां समस्तीपुर, गुम्मिडिपूंडी, जलना आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं। वहीं धौलपुर, औरंगाबाद (बिहार), सहरसा, ग्रेटर नोएडा, बीकानेर, रूपनगर आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह गुरूग्राम, बक्सर, नोएडा आदि में ओजोन से स्थिति खराब बनी हुई है।

इन शहरों के उलट आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 10 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि शिलांग की तुलना गुरूग्राम से करें तो वहां स्थिति 25 गुणा बेहतर है।

शिलांग की तरह ही आज देश के 122 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में मालेगांव, मंगुराहा, मिलुपारा, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब चार फीसदी की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 27 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 91 पर पहुंच गया।

रुझानों पर नजर डालें तो दिल्ली सहित आज देश के 90 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है, उनमें हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश में 12 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बीकानेर, बक्सर, छपरा, धौलपुर, एलूर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, जलना, नोएडा, रूपनगर, सहरसा आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि आज देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 227 में से 123 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 90 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 16 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 83 दर्ज किया गया था।

12 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (255) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 260 के करीब पहुंच गया। कल गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 27 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 91 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज मध्यम से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।    

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुम्मिडिपूंडी चौथे स्थान पर है, वहीं समस्तीपुर (232) दूसरे, जबकि धौलपुर (171) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 72, गाजियाबाद में 90, गुवाहाटी में 58, गुरूग्राम में 255, नोएडा में 102, ग्रेटर नोएडा में 125 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 39 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 59, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 50, हैदराबाद में 65, जयपुर में 57 और पटना में 76 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 123 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, आरा, बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, हापुड, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, कारवार, काशीपुर, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगुराहा, मिलुपारा, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागपत, बरेली, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, दिल्ली, देवास, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गाजियाबाद, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, पाली, परभनी, पटियाला, पटना, पूर्णिया, राजगीर, राजसमंद, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, श्री गंगानगर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, टोंक, उदयपुर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 90 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।