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वायु

एयर क्वालिटी ट्रैकर: देश के 55 फीसदी शहरों में बेहतर हुई वायु गुणवत्ता, दिल्ली-फरीदाबाद में भी संतोषजनक है हालात

कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 12 फीसदी की गिरावट आई है

Lalit Maurya

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा रुझानों से पता चला है कि देश के 55 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं करीब 41 फीसदी शहरों में प्रदूषण संतोषजनक है, जबकि करीब चार फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

कुल मिलाकर देखें तो देश के छोटे-बड़े 131 शहरों में वायु गुणवत्ता साफ है। इन शहरों में पालकालाइपेरुर की स्थिति सबसे अच्छी है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि देश में इंदौर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद आदि शहर शामिल हैं।

हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 12 फीसदी की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है, जहां नौ अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 76 पर पहुंच गया। वहीं फरीदाबाद की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहां प्रदूषण का स्तर अभी भी संतोषजनक बना हुआ है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 95 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नोएडा, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पीथमपुर, पूर्णिया, राजगीर आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश के नौ शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। यह वो शहर है, जहां देश में हवा सबसे ज्यादा खराब है।

इन शहरों में अंगुल, बद्दी, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, इंफाल, मंडी गोबिंदगढ़, नंदेसरी, रायचुर, सिवान आदि शामिल थे। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 237 में से 131 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 97 दर्ज किया गया था। 9 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (169) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (76) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से नौ अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 62, गाजियाबाद में 70, गुरुग्राम में 78, नोएडा में 73, ग्रेटर नोएडा में 97 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 33 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 48, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 88, हैदराबाद में 63, जयपुर में 76 और पटना में 50 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 131 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अजमेर, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बेगूसराय, बेलापुर, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हसन, हुबली, इंदौर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपूर, तुमकुरु, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विरार, विरुधुनगर, यादगीर, यमुनानगर, शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, आइजोल, अलवर, अमृतसर, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भिवानी, बीकानेर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, दिल्ली, धारूहेड़ा, धारवाड़, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, करौली, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नोएडा, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पीथमपुर, पूर्णिया, राजगीर, रामनगर, राउरकेला, रूपनगर, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तुमिडीह, उदयपुर, उज्जैन, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।