प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई  
वायु

साफ हवा वाले शहरों में 20 फीसदी की गिरावट, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, बुलन्दशहर सबसे प्रदूषित

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार, लेकिन ग्रेटर नोएडा में अब भी सबसे जहरीली हवा

Lalit Maurya

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 20 फीसदी की गिरावट आई है।

  • ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और बुलन्दशहर सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।

  • वहीं, शिलांग की हवा सबसे साफ है। दिल्ली में प्रदूषण में थोड़ी कमी आई है, लेकिन स्थिति अभी भी मध्यम श्रेणी में है।

  • देश में आज लगातार तीसरे दिन ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 185 रिकॉर्ड किया गया है।

  • गौरतलब है कि कल ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 194 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण के स्तर में नौ अंकों की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 31 फीसदी शहरों में हवा साफ है। चिंता की बात यह है कि आज देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

वहीं 58.2 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 11 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा संतोषजनक है।

देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जबकि मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब 3.4 फीसदी का इजाफा हुआ है।

देश में आज लगातार तीसरे दिन ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 185 रिकॉर्ड किया गया है। मतलब की आज भी वहां वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। लेकिन इसके बावजूद वहां की फिजाओं में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

गौरतलब है कि कल ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 194 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण के स्तर में नौ अंकों की गिरावट आई है।

बता दें कि आज ग्रेटर नोएडा की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 311 फीसदी अधिक है। कल भी देश में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे खराब थी।

दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 14 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 127 पर पहुंच गया। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 182 फीसदी अधिक है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद (150) दूसरे जबकि बुलन्दशहर (140) तीसरे स्थान पर है। 139 अंकों के साथ मंडी गोबिंदगढ़ चौथे स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह बिलीपाड़ा (136) पांचवें जबकि भरतपुर (130) छठे पायदान पर है।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में नोएडा (128), दिल्ली (127), बद्दी (122) और मेरठ (121) शामिल हैं।

विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि आज देश में जहां मंडी गोबिंदगढ़, बिलीपाड़ा, सुआकाती, हैदराबाद आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण यानी पीएम2.5 हावी हैं। वहीं ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, भरतपुर, नोएडा, दिल्ली, बद्दी, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, बालासोर, क्योंझर, विशाखापत्तनम, लखनऊ, हापुड, मुरादाबाद, बठिंडा, भिवाड़ी, आगरा, हनुमानगढ़ आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इन शहरों के विपरीत आज देश के 67 यानी करीब 31 फीसदी शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में देहरादून, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हुबली, इंदौर, कलबुर्गी, करूर, कारवार, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर आदि शामिल हैं।

हालांकि चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

आंकड़ों से यह भी पता चला है कि आज देश के 127 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में कोलकाता, कोल्लम, कोटा, मंडीदीप, मंगलौर, मिलुपारा, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, पाली, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पूर्णिया, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा शामिल हैं।

राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इन शहरों के उलट आज देश के 24 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में आगरा, बद्दी, बागपत, बालासोर, बठिंडा, भरतपुर, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, क्योंझर, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नोएडा, सुआकाती, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 218 में से 67 (-20.2 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 127 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 20 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 123 दर्ज किया गया था।

24 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (185) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 190 के करीब पहुंच गया। कल ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 194 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 4 अंकों की गिरावट के साथ घटकर 127 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज मंडी गोबिंदगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं गाजियाबाद (150) दूसरे, जबकि बुलन्दशहर (140) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 80, गाजियाबाद में 150, गुवाहाटी में 50, गुरूग्राम में 64, नोएडा में 128, ग्रेटर नोएडा में 185 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 44 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 115, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 57, हैदराबाद में 103, जयपुर में 100 और पटना में 59 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 67 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भिलाई, भिवंडी, बिलासपुर, चामराजनगर, छपरा, चिकबलपुर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हुबली, इंदौर, कलबुर्गी, करूर, कारवार, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रतलाम, सलेम, शिलांग, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, विजयपुरा, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, होसुर, हावड़ा, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, मंडीदीप, मंगलौर, मिलुपारा, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, पाली, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पूर्णिया, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, श्रीगंगानगर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 127 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।