भारत के कई शहरों में प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में एक बार फिर बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां प्रदूषण का स्तर बढ़कर 300 के करीब पहुंच गया है। मतलब की पिछले कई दिनों से मेघालय के इस शहर में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
वहीं प्रदूषण के मामले में आज बागपत दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 261 दर्ज किया गया। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से स्थिति और खराब हुई है, जहां दस अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 256 तक पहुंच गया है।
प्रदूषण के मामले में दिल्ली आज तीसरे स्थान पर है। इसी तरह ग्रेटर नोएडा (252) चौथे, जबकि बुलन्दशहर (248) पांचवें स्थान पर बना हुआ है।
नागौर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 245 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में गाजियाबाद (232) सातवें, जबकि हाजीपुर (228) आठवें स्थान पर है। वहीं नोएडा और भिवाड़ी भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में शामिल हैं।
आंकड़ों से पता चला है कि देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में पंचगांव और श्रीगंगानगर भी शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि देश में कल से 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 71 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में कुड्डालोर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 22 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना कुड्डालोर से करें तो वहां स्थिति 13 गुणा खराब है।
कुड्डालोर की तरह ही देश के 30 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में हुबली, कोलकाता, कुंजेमुरा, मंगलौर, मीरा-भायंदर, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, सिलचर, सूरत, तालचेर, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी की गिरावट आई है।
देश में अगरतला सहित 110 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, महाड, मैहर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नमक्कल, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सांगली, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर आदि शामिल हैं। राहत की बात रही कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश में अमृतसर सहित छोटे बड़े 58 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में धौलपुर, धुले, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नांदेड़, नासिक, पाली, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिंगरौली आदि शामिल हैं। कल से देखें तो मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 38 फीसदी की गिरावट आई है।
विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां करीब 15 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 33 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। हालांकि 52 फीसदी से कुछ अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 211 में से महज 31 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 92 दर्ज किया गया था।
58 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (298) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 280 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। जहां 10 अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 256 पर पहुंच गया। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं बागपत (261) दूसरे, जबकि दिल्ली (256) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 175, गाजियाबाद में 232, गुवाहाटी में 153, हापुड में 129, नोएडा में 220, ग्रेटर नोएडा में 252 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 64 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 165, चेन्नई में 58, चंडीगढ़ में 137, हैदराबाद में 75, जयपुर में 165 और पटना में 122 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 31 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, आसनसोल, बागलकोट, बेलगाम, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, गडग, हुबली, कोलकाता, कुंजेमुरा, मंगलौर, मीरा-भायंदर, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, सिलचर, सूरत, तालचेर, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अहमदाबाद, आइजोल, अकोला, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बारबिल, बरेली, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, महाड, मैहर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नमक्कल, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सांगली, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर आदि 110 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।