सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई  
वायु

दिल्ली सहित 53 फीसदी शहरों में संतोषजनक है वायु गुणवत्ता, जलना में सबसे ज्यादा रहा प्रदूषण

जलना के साथ देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मंडी गोबिंदगढ़, बर्नीहाट, मुजफ्फरनगर, श्रीगंगानगर, कल्याण, अहमदाबाद, गुरूग्राम, बिहारशरीफ और चंडीगढ़ शमिल थे

Lalit Maurya

देश में प्रदूषण के मामले में जलना की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 185 दर्ज किया गया है। इसी तरह मंडी गोबिंदगढ़ (169), बर्नीहाट (155), मुजफ्फरनगर (147) और श्रीगंगानगर (126) में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

देखा जाए तो इन शहरों की हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। दूसरी तरफ देश के पालकालाइपेरुर की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 15 रिकॉर्ड किया गया है। यदि जलना की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो हवा 12 गुणा खराब है।

जलना के साथ-साथ देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मंडी गोबिंदगढ़, बर्नीहाट, मुजफ्फरनगर, श्रीगंगानगर, कल्याण, अहमदाबाद, गुरूग्राम, बिहारशरीफ और चंडीगढ़ शमिल थे। वहीं दूसरी तरफ पालकालाइपेरुर की तरह ही देश के 95 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।

देश में दमोह, दौसा, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गोरखपुर, हल्दिया, हसन, हिसार, हुबली, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, करनाल, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, पालकालाइपेरुर, परभनी, पाथरडीह, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, आदि शहरों में स्थिति बेहतर बनी हुई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो दिल्ली में हवा संतोषजनक बनी हुई है, जहां कल से एक अंकों की गिरावट के साथ सूचकांक 84 पर पहुंच गया है। दूसरी तरफ फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक से मध्यम पर पहुंच गया है, जहां 20 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 102 पर पहुंच गया है।

आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की तरह ही देश के 123 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।

इन शहरों में गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राउरकेला, रूपनगर, सागर आदि शामिल थे।

कल की तुलना में देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब एक फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं देश में अहमदाबाद, अररिया, बिहारशरीफ, बर्नीहाट, चंडीगढ़, फरीदाबाद, गुरूग्राम, इंफाल, जलना, कल्याण, मंडी गोबिंदगढ़, मुजफ्फरनगर, सिवान, श्रीगंगानगर, वृंदावन आदि शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले इन शहरों की संख्या में 67 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के करीब 41 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है, जबकि 53 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ देश के छह फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 22 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 235 में से 96 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 124 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 21 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 125 दर्ज किया गया था। 15 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में जलना (185) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (84) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से एक अंक की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 102, गाजियाबाद में 87, गुरुग्राम में 107, नोएडा में 96, ग्रेटर नोएडा में 96 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 63 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 58, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 104, हैदराबाद में 68, जयपुर में 65 और पटना में 68 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 96 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, बारां, बरेली, बेगूसराय, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दमोह, दौसा, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गोरखपुर, हल्दिया, हसन, हिसार, हुबली, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, करनाल, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, पालकालाइपेरुर, परभनी, पाथरडीह, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, सुआकाती, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, उडुपी, विजयपुरा, विजयवाड़ा, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अहमदनगर, अकोला, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बक्सर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, दिल्ली, देवास, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सूरत, तालचेर, ठाणे, तुमकुरु, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, यमुनानगर आदि 124 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।