आज देश के सिर्फ 30 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि कल की तुलना में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 26 फीसदी की गिरावट आई है।
संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 16 फीसदी की कमी दर्ज की गई है, जिससे वायु गुणवत्ता में व्यापक गिरावट का संकेत मिलता है।
मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में उछाल: मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 263 फीसदी का इजाफा हुआ है, जो प्रदूषण की गंभीरता को दर्शाता है।
भीलवाड़ा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 307 दर्ज किया गया, जो डब्ल्यूएचओ सुरक्षित सीमा से 410 फीसदी अधिक है।
भीलवाड़ा में कल एक्यूआई 93 था, जो आज 214 अंकों की वृद्धि के साथ 307 तक पहुंच गया।
देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई महज 10 रिकॉर्ड किया गया है। भीलवाड़ा की तुलना में यह स्थिति 31 गुणा बेहतर है।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से सात राजस्थान के हैं, इनमें भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, बाड़मेर, सिरोही, टोंक, पाली शामिल हैं।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 81 पर पहुंच गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 अक्टूबर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 30 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं 50 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 20 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा संतोषजनक है। हालांकि चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ और संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भारी गिरावट आई है।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 26 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। वहीं सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या भी 16 फीसदी घट गई है। दूसरी तरफ मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती करीब 264 फीसदी बढ़ी है। इसके साथ ही आज राजस्थान के कई शहरों में हवा खराब दर्ज की गई है।
आंकड़ों में सामने आया है कि आज प्रदूषण के मामले में भीलवाड़ा की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 307 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। इस दौरान वहां की हवा में ओजोन के महीन कण हावी रहे। वहां फिजाओं में घुला जहर इतना है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
भीलवाड़ा में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी सुरक्षित सीमा से 410 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल भीलवाड़ा में वायु गुणवत्ता का स्तर 93 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 214 अंकों का भारी उछाल आया है।
कल देश में नलबाड़ी की हवा सबसे खराब थी। जब वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 232 अंकों के सुधार के साथ वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 73 पर पहुंच गया है।
दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 10 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर भीलवाड़ा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 31 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 81 पर पहुंच गया। वहीं फरीदाबाद की बात करें तो वायु गुणवत्ता सूचकांक मामूली गिरावट के साथ 107 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में चित्तौड़गढ़ (247) दूसरे जबकि उदयपुर (227) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 201 अंकों के साथ बाड़मेर चौथे स्थान पर है। सिरोही-टोंक में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 200 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज समस्तीपुर (181) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज चित्तूर (177), पाली (177) और देवास (174) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में सात राजस्थान के शहर (भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, बाड़मेर, सिरोही, टोंक, पाली) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां उदयपुर, समस्तीपुर, चित्तूर, पाली, गुम्मिडिपूंडी, रानीपेट, तिरुपति, गोरखपुर, हाजीपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है। वहीं चित्तौड़गढ़, बाड़मेर, सिरोही, टोंक, देवास, इंदौर, पीथमपुर, कोटा, बूंदी, रतलाम, जैसलमेर, सवाई माधोपुर, दौसा, अजमेर, जयपुर, प्रतापगढ़, विशाखापत्तनम, तिरुवनंतपुरम, भोपाल, जोधपुर, गांधीनगर, बिलीपाड़ा, धौलपुर, झालावाड़, बीकानेर, फरीदाबाद, वातवा, भिवाड़ी, ब्रजराजनगर, राजसमंद आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के करीब 30.4 फीसदी यानी 67 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में गंगटोक, गुवाहाटी, जलगांव, जींद, कडपा, कैथल, कानपुर, काशीपुर, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पानीपत, पटियाला आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 26 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। इसी तरह आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी 16 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें झांसी, झुंझुनूं, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करनाल, करूर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मदुरै, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पलवल, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 40 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में अजमेर, भिवाड़ी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बूंदी, चित्तूर, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हापुड, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, झालावाड़, जोधपुर, कोटा, नोएडा, पाली, पीथमपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सिरोही, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, टोंक, वातवा, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 263 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है, जोकि बेहद चिंता का विषय है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 221 में से 67 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 110 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 07 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 131 दर्ज किया गया था।
40 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में भीलवाड़ा (307) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। कल नलबाड़ी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में आठ अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 81 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है। वहीं फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता सूचकांक में एक अंक का मामूली सुधार आया है, जिसके साथ ही एक्यूआई 107 पर पहुंच गया है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बाड़मेर चौथे स्थान पर है, वहीं चित्तौड़गढ़ (247) दूसरे, जबकि उदयपुर (227) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 69, गाजियाबाद में 70, गुवाहाटी में 46, गुरूग्राम में 69, नोएडा में 124, ग्रेटर नोएडा में 114 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 70 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 84, चेन्नई में 74, चंडीगढ़ में 37, हैदराबाद में 87, जयपुर में 136 और पटना में 80 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 67 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बरेली, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चिक्कामगलुरु, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, जलगांव, जींद, कडपा, कैथल, कानपुर, काशीपुर, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पानीपत, पटियाला, प्रयागराज, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तुमिडीह, विजयपुरा, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारां, बारीपदा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, बिहारशरीफ, बुलन्दशहर, बक्सर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दिल्ली, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, एलूर, गया, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जालंधर, जलना, झांसी, झुंझुनूं, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करनाल, करूर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मदुरै, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पलवल, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राउरकेला, सासाराम, सतना, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, सूरत, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुपुर, वापी, वाराणसी आदि 110 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।