फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
वायु

धारवाड़ में प्रदूषण से जानलेवा हुई हवा, फरीदाबाद सहित 30 अन्य शहरों में बिगड़ी है वायु गुणवत्ता

Lalit Maurya

प्रदूषण के मामले देश के छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। इस मामले में धारवाड़ अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 295 दर्ज किया गया है। इसी तरह बर्नीहाट में भी प्रदूषण का स्तर 209 दर्ज किया गया है। इन दोनों शहरों में प्रदूषण से हालात दमघोंटू बने हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ आइजोल में हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 15 दर्ज किया गया है। यदि धारवाड़ की तुलना आइजोल से करें तो प्रदूषण 20 गुणा ज्यादा है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वायु गुणवत्ता में कोई बदलाव नहीं आया है, वहां अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता सूचकांक में 36 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता संतोषजनक से मध्यम स्तर पर पहुंच गई है। बता दें कि फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 129 पर पहुंच गया है।

फरीदाबाद की तरह ही देश के 29 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। इन शहरों में अजमेर, अमृतसर, अररिया, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, दौसा, धनबाद, डूंगरपुर, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपोंडी, जालोर, झालावाड़, जोधपुर, नलबाड़ी, नंदेसरी, पाली, पीथमपुर, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, समस्तीपुर, सासाराम, सिरसा, श्री गंगानगर, उदयपुर, विजयपुरा, विशाखापत्तनम शामिल थे। कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ताजा आंकड़ों से पता चला है कि देश के 97 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई है। हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब एक फीसदी का इजाफा हुआ है।

इन शहरों में भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, गडग, गंगटोक, गाजियाबाद, गुवाहाटी, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, कारवार, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मैहर, मंडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नागपुर आदि शहर शामिल थे।

देश के 96 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में बुलंदशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चित्तूर, चूरू, कटक, दिल्ली, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुरुग्राम, ग्वालियर, हापुड़, इम्फाल, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जलना, झांसी, जींद, कडप्पा, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोटा, कुंजेमुरा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाद, मालेगांव, मंडी गोविंदगढ़, मंडीदीप, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, पलवल, पंचकुला आदि शहर शामिल थे।

कल से देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब नौ फीसदी की गिरावट आई है। कुल मिलाकर देखें तो देश में प्रदूषण के स्तर में मामूली इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 225 में से 97 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 96 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 07 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 105 दर्ज किया गया था। 30 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (209) और धारवाड़ (295) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (56) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से कोई बदलाव नहीं हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 129, गाजियाबाद में 42, गुरुग्राम में 98, नोएडा में 48, ग्रेटर नोएडा में 126 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 47 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 63, चेन्नई में 48, चंडीगढ़ में 61, हैदराबाद में 50, जयपुर में 65 और पटना में 83 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 97 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा 31, आइजोल 15, अकोला 25, अमरावती 39, अमरावती 29, अरियालुर 35, आरा 29, बागलकोट 47, बागपत 26, बहादुरगढ़ 49, बरेली 23, बैरकपुर 9, बेलापुर 42, बेंगलुरु 49, भागलपुर 50, भरतपुर 40, भिलाई 32, बिलासपुर 42, ब्यासनगर 35, चामराजनगर 42, चंद्रपुर 30, चेन्नई 48, चिक्कबल्लापुर 25, चिक्कमगलुरु 39, कोयंबटूर 40, कुड्डालोर 42, दावनगेरे 26, देहरादून 32, गडग 46, गंगटोक 28, गाजियाबाद 42, गुवाहाटी 48, हावेरी 37, हिसार 45, हावड़ा 44, हुबली 50, हैदराबाद 50, जबलपुर 48, जालंधर 49, जलगांव 42, कैथल 26, कलबुर्गी 42, कल्याण 30, कानपुर 50, करौली 44, करनाल 24, कारवार 23, कटनी 38, कोहिमा 40, कोलार 32, कोल्हापुर 44, कोलकाता 41, कोल्लम 48, कोप्पल 50, कोरबा 38, लातूर 29, मदिकेरी 19, मैहर 48, मंडीखेड़ा 34, मानेसर 49, मंगलौर 44, मेरठ 41, मुरादाबाद 35, मुंबई 47, मैसूर 36, नागपुर 44, नाहरलागुन 21, नांदेड़ 37, नासिक 43, नवी मुंबई 40, नयागढ़ 39, पाथरडीह 22, पटियाला 33, पिंपरी-चिंचवाड़ 34, प्रयागराज 42, पुदुचेरी 46, रायपुर 36, राजमहेंद्रवरम 46, राजगीर 45, रामनगर 29, ऋषिकेश 41, सांगली 33, शिलांग 36, शिवमोगा 47, सोलापुर 49, सोनीपत 40, ठाणे 41, तिरुपति 34, तिरुपुर 37, वापी 49, वाराणसी 32, वातवा 50, वेल्लोर 32, यादगीर 36, यमुना नगर 42 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अलवर, अंबाला, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बालासोर, बल्लभगढ़, बारां, बारबिल, बठिंडा, बेलगाम, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलंदशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चित्तूर, चूरू, कटक, दिल्ली, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुरुग्राम, ग्वालियर, हापुड़, इम्फाल, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जलना, झांसी, जींद, कडप्पा, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोटा, कुंजेमुरा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाद, मालेगांव, मंडी गोविंदगढ़, मंडीदीप, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, प्रतापगढ़, पुणे, रायचुर, रायरंगपुर, राउरकेला, सागर, सहरसा, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सीवान, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, टोंक, तुमकुरु, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, विरार आदि 96 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।