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वायु

59 फीसदी से ज्यादा शहरों में साफ है हवा, बर्नीहाट-श्रीगंगानगर में हालात अब भी खराब

Lalit Maurya

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के 59 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 16 दर्ज किया गया है। इसी तरह 136 अन्य शहरों में स्थिति बेहतर बनी हुई है। कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब चार फीसदी का इजाफा हुआ है।

बता दें कि देश में पालकालाइपेरुर की तरह ही गंगटोक, हल्दिया, हापुड, हसन, हिसार, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर आदि शहरों में हवा साफ बनी हुई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वहां भी कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है, जहां सात अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 70 पर पहुंच गया है।

कुछ ऐसी ही स्थिति फरीदाबाद की भी है, जहां कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में 28 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। इसके बाद वहां एक्यूआई घटकर 63 पर पहुंच गया है। बता दें कि देश में दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 36 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

इन शहरों में गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हैदराबाद, जयपुर, जालंधर, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कानपुर, करनाल, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, लखनऊ, मानेसर, मंगुराहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पाली, पलवल, पानीपत, पटना, पूर्णिया, राजसमंद, रूपनगर, समस्तीपुर, सतना, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश की देश के दो शहरों बर्नीहाट (274) और श्रीगंगानगर (238) में प्रदूषण से हालात दमघोंटू बने हुए हैं। एक बार फिर देश में प्रदूषण के मामले में बर्नीहाट अव्वल बना हुआ है। ऐसे में यदि बर्नीहाट की हवा में घुले जहर की तुलना यदि पालकालाइपेरुर से करें तो बर्नीहाट में स्थिति 17 गुणा ज्यादा खराब है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में श्रीगंगानगर, जलना, अररिया, जैसलमेर, ग्रेटर नोएडा, हनुमानगढ़, बिहारशरीफ, लुधियाना और औरंगाबाद (महाराष्ट्र) शामिल थे।

इसी तरह देश के दस शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 17 फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों में अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बिहारशरीफ, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, इंफाल, जैसलमेर, जलना, लुधियाना आदि शामिल थे।

कुल मिलकर देखें तो देश में करीब 59 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर है, जबकि 36 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं पांच फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक बना हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 232 में से 137 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 83 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 25 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 85 दर्ज किया गया था। 10 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (274) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली (70) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से सात अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 63, गाजियाबाद में 55, गुरुग्राम में 106, नोएडा में 54, ग्रेटर नोएडा में 112 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 39 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 64, चेन्नई में 47, चंडीगढ़ में 53, हैदराबाद में 53, जयपुर में 51 और पटना में 66 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 137 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, बदलापुर, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बारां, बरेली, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, देवास, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, हापुड, हसन, हिसार, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नगांव, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सागर, सांगली, सासाराम, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, यादगीर, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, बद्दी, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, दिल्ली, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हैदराबाद, जयपुर, जालंधर, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कानपुर, करनाल, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, लखनऊ, मानेसर, मंगुराहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पाली, पलवल, पानीपत, पटना, पूर्णिया, राजसमंद, रूपनगर, समस्तीपुर, सतना, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, तालचेर, थूथुकुडी, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।