दिल्ली में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 34 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 63 तक पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में आज भी हवा संतोषजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 अगस्त 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां 65 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 33 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा साफ है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज देश में धौलपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 17 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 115 तक पहुंच गया। इस दौरान धौलपुर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो वहां प्रदूषण का स्तर तय सुरक्षित सीमा से 667 फीसदी अधिक है।
मतलब की वहां की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
गौरतलब है कि कल नंदेसरी में प्रदूषण से स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 193 तक पहुंच गया। हालांकि आज सरकारी आंकड़ों में नंदेसरी से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए गए हैं।
दूसरी तरफ आज देश में नाहरलगुन की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 15 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर धौलपुर की तुलना नाहरलगुन से करें तो वहां स्थिति सात गुणा खराब है।
इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों में आज छपरा (114) दूसरे जबकि विशाखापत्तनम (104) तीसरे स्थान पर है। वहीं 103 अंकों के साथ गुम्मिडिपूंडी चौथे स्थान पर है।
देश में आज नाहरलगुन सहित 143 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पटना, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 1.4 फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज देश में छोटे-बड़े 73 शहरों में हवा संतोषजनक है, इनमें मंगलौर, मुरादाबाद, मोतिहारी, नगांव, नलबाड़ी, नांदेड़, ऊटी, पाली, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, राउरकेला, समस्तीपुर, श्री गंगानगर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, वापी, वातवा, विजयवाड़ा आदि शामिल हैं। कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों में भी गिरावट आई है, जो करीब चार फीसदी है।
दूसरी तरफ आज देश के महज चार शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में धौलपुर, छपरा, विशाखापत्तनम, गुम्मिडिपूंडी शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 43 फीसदी गिरावट आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 220 में से 143 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 73 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 23 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 76 दर्ज किया गया था।
4 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में धौलपुर (115) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 120 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 193 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 63 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बना हुआ है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुम्मिडिपूंडी चौथे स्थान पर है, वहीं छपरा (114) दूसरे, जबकि विशाखापत्तनम (104) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 34, गाजियाबाद में 61, गुवाहाटी में 56, गुरूग्राम में 37, नोएडा में 42, ग्रेटर नोएडा में 84 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 49 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 47, चेन्नई में 66, चंडीगढ़ में 58, हैदराबाद में 68, जयपुर में 51 और पटना में 41 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 143 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अरियालूर, आसनसोल, बागलकोट, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, दमोह, देहरादून, देवास, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, होसुर, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, कारवार, काशीपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पटना, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बरेली, बाड़मेर, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवाड़ी, बिहार शरीफ, बीकानेर, ब्रजराजनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दिल्ली, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जलना, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोल्लम, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मुरादाबाद, मोतिहारी, नगांव, नलबाड़ी, नांदेड़, ऊटी, पाली, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, राउरकेला, समस्तीपुर, श्री गंगानगर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 73 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।