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वायु

बदले समीकरण: देहरादून सहित देश के 63 फीसदी शहरों में हवा साफ, कल से सात फीसदी का इजाफा

आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 9 दर्ज किया गया

Lalit Maurya

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 अगस्त 2025 को जारी आंकड़ों से पता चला है कि देश के जहां 63 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 33 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 4.2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा साफ है।

रुझानों पर नजर डालें तो आज देश में लगातार पांचवें दिन गुरूग्राम की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 140 रिकॉर्ड किया गया। हालांकि कल से हरियाणा के इस शहर में प्रदूषण के स्तर में 30 अंकों की गिरावट आई है। आज एक बार फिर गुरुग्राम की हवा में ओजोन के महीन कण हावी रहे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो गुरूग्राम में प्रदूषण का स्तर 132 फीसदी अधिक है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर आज भी लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

गौरतलब है कि कल भी गुरूग्राम में प्रदूषण से स्थिति सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 170 तक पहुंच गया था। हालांकि आज इसमें 30 अंकों का सुधार आया है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 9 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गुरूग्राम की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 13 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 89 पर पहुंच गया है।

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में शिलांग सहित छोटे बड़े 147 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में सात फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश में साफ हवा वाले शहरों की तरह ही कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी इजाफा हुआ है। बता दें कि जहां कल 74 शहरों में हवा संतोषजनक थी, वहीं आज यह गिनती बढ़कर 76 पर पहुंच गई है।

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है, उनमें गाजियाबाद, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, होसुर, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कन्नूर, कटिहार, कटनी, खुर्जा, कोहिमा, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी आदि शहर शामिल हैं।

वहीं दूसरी तरफ आज देश के दस शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बीकानेर, धौलपुर, एलूर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, झांसी, सतना शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 9 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं प्रदूषित शहरों की बात करें तो आज धौलपुर (133) दूसरे जबकि औरंगाबाद (बिहार), 132 तीसरे स्थान पर है। इसी तरह एलूर (131) चौथे जबकि गुम्मिडिपूंडी     (123) पांचवें पायदान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा, झांसी, बीकानेर, हनुमानगढ़, सतना शामिल हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 233 में से 147 (+10) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 76 (+2) शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 18 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 74 दर्ज किया गया था।

10 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (140) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 150 के करीब पहुंच गया। कल गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 170 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 13 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 89 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज भी संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।     

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज एलूर चौथे स्थान पर है, वहीं धौलपुर (133) दूसरे, जबकि औरंगाबाद (बिहार) (132) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 71, गाजियाबाद में 92, गुवाहाटी में 39, गुरूग्राम में 140, नोएडा में 73, ग्रेटर नोएडा में 122 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 38 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 52, चेन्नई में 74, चंडीगढ़ में 50, हैदराबाद में 59, जयपुर में 60 और पटना में 49 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 147 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मंगलौर, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पटना, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, बद्दी, बदलापुर, बरेली, भागलपुर, भिवाड़ी, बिहार शरीफ, ब्रजराजनगर, बक्सर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दिल्ली, धनबाद, धुले, गाजियाबाद, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, होसुर, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कन्नूर, कटिहार, कटनी, खुर्जा, कोहिमा, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, परभनी, पीथमपुर, पूर्णिया, राजगीर, राजसमंद, रूपनगर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, श्री गंगानगर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उदयपुर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि 76 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।