केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 अगस्त को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां 41 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 55 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 4 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
रुझानों से पता चला है कि आज देश में श्रीगंगानगर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 164 दर्ज किया गया। इस दौरान के श्रीगंगानगर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मानकों के लिहाज से देखें तो श्रीगंगानगर में प्रदूषण 993 फीसदी अधिक है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों की बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि कल प्रदूषण से श्री गंगानगर की स्थिति सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 221 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 57 अंकों के सुधार के साथ श्री गंगानगर में सूचकांक मध्यम श्रेणी में पहुंच गया है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में चिकबलपुर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 20 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर श्री गंगानगर की तुलना चिकबलपुर से करें तो वहां स्थिति सात गुणा खराब है।
आंकड़ों के मुताबिक प्रदूषण के मामले में आज मंगुराहा दूसरे जबकि सहरसा तीसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 133 दर्ज किया गया है। इसी तरह तिरुमाला (119) चौथे जबकि छपरा (114) पांचवें स्थान पर है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज चुरू (113), टोंक (110), बद्दी (106) और झांसी (102) शामिल हैं।
आज देश में जहां सहरसा, चुरू, टोंक, बद्दी में पीएम10 हावी हैं। वहीं श्री गंगानगर, झांसी आदि शहरों में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इन शहरों के उलट आज देश में अगरतला सहित 92 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, किशनगंज, कोल्हापुर, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला आदि में हवा साफ बनी हुई है। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में एक फीसदी का मामूली इजाफा हुआ है।
इसी तरह देश के छोटे-बड़े 125 शहरों में हवा संतोषजनक है। कल से इन शहरों की गिनती में मामूली गिरावट आई है।
आज देश के जिन शहरों में हवा संतोषजनक है, उनमें चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कांचीपुरम, करूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना आदि शहर शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ आज देश के नौ शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, छपरा, चुरू, झांसी, मंगुराहा, सहरसा, श्री गंगानगर, तिरुमाला, टोंक आदि शामिल हैं। कल से मध्यम वायु गुणवत्ता श्रेणी में मौजूद शहरों की गिनती में 18 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 226 में से 92 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 125 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 09 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 126 दर्ज किया गया था।
9 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (164) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 180 के करीब पहुंच गया। कल श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 221 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही पांच अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 76 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज तिरुमाला चौथे स्थान पर है, वहीं मंगुराहा (133) दूसरे, जबकि सहरसा (133) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 60, गाजियाबाद में 80, गुवाहाटी में 47, गुरूग्राम में 58, नोएडा में 68, ग्रेटर नोएडा में 77 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 55, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 64, हैदराबाद में 65, जयपुर में 79 और पटना में 63 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 92 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अनंतपुर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, दमोह, देहरादून, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, किशनगंज, कोल्हापुर, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कांचीपुरम, करूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सुआकाती, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 125 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।