फोटो: विकास चौधरी  
वायु

वाराणसी सहित देश के 13 फीसदी शहरों में साफ है हवा, दिल्ली-फरीदाबाद में भी घटा प्रदूषण

देश में फरीदाबाद सहित 48 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ नलबाड़ी (344) में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं

Lalit Maurya

देश के कई शहरों में बारिश के साथ प्रदूषण में अच्छी-खासी गिरावट देखी गई है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो वहां 52 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 173 पर पहुंच गया।

मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'खराब' से मध्यम स्तर पर पहुंच गई है। ऐसा ही कुछ फरीदाबाद में भी देखने को मिला, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक में 51 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।

इसी तरह कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। बता दें कि देश में वाराणसी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 30 दर्ज किया गया। वाराणसी की तरह ही देश के 28 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। इन शहरों में अमृतसर, आरा, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, भरतपुर, बिलासपुर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, धौलपुर आदि शामिल हैं।

वहीं कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में नलबाड़ी की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जहां एक्यूआई 344 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि नलबाड़ी की तुलना देश के सबसे साफ हवा वाले शहर वाराणसी से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि जहां कल देश में तीन शहरों की वायु गुणवत्ता बेहद खराब थी, वहीं आज यह आंकड़ा घटकर एक पर आ गया है।

प्रदूषण के मामले में आज ब्यासनगर (262) दूसरे, जबकि हावड़ा        (255) तीसरे स्थान पर रहा। इसी तरह देश के कुल 12 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, अररिया, बालासोर, बैरकपुर, भुवनेश्वर, कटक, गुवाहाटी, हल्दिया, तालचेर, वापी शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 46 फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह देश के 70 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों में अमरावती, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिवंडी, भोपाल, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दौसा, देहरादून, दिल्ली, देवास, धनबाद, दुर्गापुर, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, कटिहार, क्योंझर, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नांदेड़, नवी मुंबई, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सूरत, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, विशाखापत्तनम शामिल हैं।  

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 21 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश में फरीदाबाद की तरह 100 से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।

इन शहरों में बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, चेन्नई, चुरू, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी 32 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देखा जाए तो देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वहीं प्रदूषित शहरों की संख्या में गिरावट आई है। इसके साथ ही देश के 13 फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता साफ हो गई है। वहीं करीब 39 फीसदी शहरों में हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं देश के करीब 48 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 30 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 215 में से महज 29 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 29 दिसंबर को यह आंकड़ा 78 दर्ज किया गया था।

70 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में नलबाड़ी (344) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 348 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 52 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज 173 यानी मध्यम स्तर पर पहुंच गया है।

गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज अगरतला चौथे स्थान पर है, वहीं ब्यासनगर (262) दूसरे, जबकि हावड़ा (255) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 57, गाजियाबाद में 83, गुरुग्राम में 80, नोएडा में 100, ग्रेटर नोएडा में 102 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 121 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 85, चेन्नई में 96, चंडीगढ़ में 158, हैदराबाद में 89, जयपुर में 144 और पटना में 163 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 29 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमृतसर, आरा, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, भरतपुर, बिलासपुर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, हसन, हावेरी, हुबली, कलबुर्गी, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मिलुपारा, मैसूर, प्रयागराज, रामनगर, शिवमोगा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, वाराणसी शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, चेन्नई, चुरू, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नंदेसरी, नासिक, नयागढ़, नोएडा, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति, टोंक, उडुपी, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश के कई शहरों में बारिश के साथ प्रदूषण में अच्छी-खासी गिरावट देखी गई है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो वहां 52 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 173 पर पहुंच गया।

मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'खराब' से मध्यम स्तर पर पहुंच गई है। ऐसा ही कुछ फरीदाबाद में भी देखने को मिला, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक में 51 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।

इसी तरह कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। बता दें कि देश में वाराणसी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 30 दर्ज किया गया। वाराणसी की तरह ही देश के 28 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। इन शहरों में अमृतसर, आरा, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, भरतपुर, बिलासपुर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, धौलपुर आदि शामिल हैं।

वहीं कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में नलबाड़ी की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जहां एक्यूआई 344 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि नलबाड़ी की तुलना देश के सबसे साफ हवा वाले शहर वाराणसी से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि जहां कल देश में तीन शहरों की वायु गुणवत्ता बेहद खराब थी, वहीं आज यह आंकड़ा घटकर एक पर आ गया है।

प्रदूषण के मामले में आज ब्यासनगर (262) दूसरे, जबकि हावड़ा        (255) तीसरे स्थान पर रहा। इसी तरह देश के कुल 12 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, अररिया, बालासोर, बैरकपुर, भुवनेश्वर, कटक, गुवाहाटी, हल्दिया, तालचेर, वापी शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 46 फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह देश के 70 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों में अमरावती, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिवंडी, भोपाल, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दौसा, देहरादून, दिल्ली, देवास, धनबाद, दुर्गापुर, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, कटिहार, क्योंझर, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नांदेड़, नवी मुंबई, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सूरत, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, विशाखापत्तनम शामिल हैं।  

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 21 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश में फरीदाबाद की तरह 100 से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।

इन शहरों में बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, चेन्नई, चुरू, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी 32 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देखा जाए तो देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वहीं प्रदूषित शहरों की संख्या में गिरावट आई है। इसके साथ ही देश के 13 फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता साफ हो गई है। वहीं करीब 39 फीसदी शहरों में हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं देश के करीब 48 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 30 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 215 में से महज 29 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 29 दिसंबर को यह आंकड़ा 78 दर्ज किया गया था।

70 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में नलबाड़ी (344) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 348 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 52 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज 173 यानी मध्यम स्तर पर पहुंच गया है।

गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज अगरतला चौथे स्थान पर है, वहीं ब्यासनगर (262) दूसरे, जबकि हावड़ा (255) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 57, गाजियाबाद में 83, गुरुग्राम में 80, नोएडा में 100, ग्रेटर नोएडा में 102 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 121 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 85, चेन्नई में 96, चंडीगढ़ में 158, हैदराबाद में 89, जयपुर में 144 और पटना में 163 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 29 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमृतसर, आरा, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, भरतपुर, बिलासपुर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, हसन, हावेरी, हुबली, कलबुर्गी, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मिलुपारा, मैसूर, प्रयागराज, रामनगर, शिवमोगा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, वाराणसी शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, चेन्नई, चुरू, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नंदेसरी, नासिक, नयागढ़, नोएडा, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति, टोंक, उडुपी, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।