बढ़ते प्रदूषण में अपनी बच्ची की मास्क पहनने में मदद करती एक मां; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

दिल्ली और आसपास के शहरों में जहरीली हुई बयार, बढ़ते प्रदूषण से कई शहर बेहाल

ताजा रुझानों से पता चला है कि देश के कई शहरों में प्रदूषण में भारी उछाल आया है, जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि दिल्ली-फरीदाबाद सहित इन शहरों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है

Lalit Maurya

देश में बढ़ते प्रदूषण का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा। हालांकि पिछले दिन प्रदूषण में मामूली गिरावट जरूर आई थी, लेकिन ताजा आंकड़ों ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि दिल्ली-फरीदाबाद सहित कई शहरों को प्रदूषण से जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।

इस बढ़ते प्रदूषण से दिल्ली में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक बार फिर वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 356 तक पहुंच गया है। वहीं दिल्ली के कई क्षेत्रों में तो यह 400 के भी पार पहुंच गया। दिल्ली के पड़ोसी शहर भी कुछ ऐसी ही समस्या से जूझ रहे हैं, जहां गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 दर्ज किया गया। वहीं ग्रेटर नोएडा (312) में भी हालात जानलेवा बने हुए हैं।

कुछ ऐसी ही स्थिति गुरुओं की नगरी अमृतसर की भी है, जहां एक्यूआई 310 रिकॉर्ड किया गया। प्रदूषण के मामले में नॉएडा (304) भी पीछे नहीं वहां भी स्थिति 'बेहद खराब' है।

मतलब की इन शहरों में हवा पूरी तरह जहरीली हो चुकी है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण है कि प्रशासन और आम लोग इस प्रदूषण से कैसे निपटते हैं।

गौरतलब है कि कल सूरत में हालात सबसे ज्यादा खराब थे, हालांकि वहां एक्यूआई में मामूली गिरावट दर्ज की गई। लेकिन इसके बावजूद स्थिति दमघोंटू बनी हुई है। बता दें कि देश के छोटे बड़े 27 शहरों में वायु प्रदूषण से हालात 'खराब' बने हुए हैं।

इन शहरों में बागपत, भिवाड़ी, भिवानी, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, चुरू, फरीदाबाद, गुरूग्राम, हापुड, हिसार, जयपुर, जींद, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, पटियाला, रोहतक, सीकर, सिरसा, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सूरत, टोंक, उज्जैन शामिल हैं। फरीदाबाद में 38 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 208 तक पहुंच गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता मध्यम से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है।

दूसरी तरफ देश में नाहरलगुन की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई महज आठ दर्ज किया गया। ऐसे में देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना नाहरलगुन से करें तो स्थिति 44 गुणा ज्यादा खराब है।

देश में नाहरलगुन की तरह ही 45 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में किशनगंज, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पालकलाईपेरुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तुमकुरु, वाराणसी आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में 23 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

इसी तरह ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 80 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में हैदराबाद, जबलपुर, जलना, कडपा, कानपुर, करूर, कारवार, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, ऊटी, पटना आदि शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है। इसके बाद इन शहरों की संख्या घटकर 95 पर पहुंच गई।

बता दें कि देश में जिन शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है उनमें आगरा, अहमदाबाद, अकोला, अम्बाला, अमरावती, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बल्लभगढ़, बारां, बाड़मेर, बेगूसराय, बेंगलुरु, भरतपुर, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बूंदी, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, दौसा, दावनगेरे, देवास, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हावेरी, इंफाल, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, करौली, खन्ना, कोल्हापुर, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, नागौर, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रतलाम, रूपनगर, सलेम, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सिरोही, सिवान, सोलापुर, ठाणे, तिरुपति, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 253 में से 46 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 78 दर्ज किया गया था। 95 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (356) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल सूरत (281) में स्थिति सबसे खराब थी। इसी तरह गाजियाबाद (324) और ग्रेटर नोएडा (312) में भी स्थिति जानलेवा बनी हुई है। गौरतलब है कि दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण जानलेवा स्तर तक पहुंच गया है, जहां आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 101 अंकों के भारी उछाल के साथ 356 दर्ज किया गया है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 208, गाजियाबाद में 324, गुरुग्राम में 239, नोएडा में 304, ग्रेटर नोएडा में 312 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 144 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 114, चेन्नई में 119, चंडीगढ़ में 163, हैदराबाद में 98, जयपुर में 213 और पटना में 73 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 46 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अंगुल, अररिया, अरियालूर, बागलकोट, बारबिल, बरेली, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, छाल, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, डिंडीगुल, गया, गुवाहाटी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, क्योंझर, किशनगंज, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पालकलाईपेरुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तुमकुरु, वाराणसी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बांसवाड़ा, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलगाम, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चेंगलपट्टू, चित्तूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गडग, हाजीपुर, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जलना, कडपा, कानपुर, करूर, कारवार, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, ऊटी, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, राउरकेला, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सतना, सिलचर, सिंगरौली, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, थूथुकुड़ी, तिरुपुर, उडुपी, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 80 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। 

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।