राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 18 नवम्बर 2024 को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 481 दर्ज किया गया, जो इस मौसम का सबसे खराब एक्यूआई दर्ज किया गया है। वहीं आने वाले दिनों में भी हवा गुणवत्ता की स्थिति गंभीर से आपात स्तर तक ही बने रहने की आशंका है।
दिल्ली-एनसीआर में अचानक खराब गुणवत्ता की इस आपात स्थिति की वजह असहज मौसम स्थितियों को बताया जा रहा है।
17 नवम्बर 2024 को एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ( सीएक्यूएम) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण 4 के तहत कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू किया, जो 18 नवम्बर 2024 को सुबह 8 बजे से प्रभावी हो गए हैं।
सीएक्यूएम की वेबसाइट पर जारी बयान के मुताबिक 17 नवम्बर 2024 को दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता की स्थितियों को लेकर उपसमिति की आपात बैठक हुई। इस बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटीएम) से हासिल मौसम और एक्यूआई के आंकड़ों पर विचार किया गया।
सीएक्यूएम से जारी बयान में कहा गया "उप समिति ने देखा कि 17 नवम्बर 2024 को शाम 4 बजे दिल्ली का एक्यूआई 441 (गंभीर) था और यह धीरे-धीरे बढ़कर शाम 5 बजे 447, शाम 6 बजे 452 और रात 7 बजे 457 तक पहुंच गया। इसके अतिरिक्त, दिल्ली का औसत एक्यूआई भारी धुंध, अस्थिर हवाओं और अत्यधिक प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण इसी खराब श्रेणी में बने रहने की उम्मीद है।
0 से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई अच्छा माना जाता है जबकि 51 से 100 के बीच एक्यूआई संतोषजनक और 101 से 200 के बीच का एक्यूआई औसत व 201 से 300 के बीच एक्यूआई खराब और 301 से 400 के बीच का एक्यूआई बहुत खराब, 401 से 450 के बीच का एक्यूआई गंभीर और 450 से ऊपर का एक्यूआई हवा की आपात स्थितियों को दर्शाता है।
आईएमडी और आईआईटीएम से प्राप्त पूर्वानुमान भी यह संकेत देते हैं कि दिल्ली का एक्यूआई आने वाले दिनों में विशेष रूप से 'गंभीर' और 'आपात' श्रेणी के उच्चतम स्तर पर बना रहेगा।"
ग्रेप का मतलब
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी या ग्रेप) के चरण 4 के लागू होने का मतलब है कि दिल्ली में ट्रक यातायात (सिर्फ जरूरी वस्तुएं और सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों को छोड़कर) पर रोक लगाई जाएगी। हालांकि इस दर्मियान एलएनजी व सीएनजी और इलेक्ट्रिक व बीएस 6 डीजल ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
दिल्ली से बाहर रजिस्टर्ड हल्के वाणिज्यिक वाहन (एसीवी), जो ईवी, सीएनजी, बीएस6 डीजल नहीं हैं, दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। सिर्फ उन वाहनों को ही अनुमति होगी जो आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
इसके अलावा निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा, जिसमें हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइंस, दूरसंचार आदि जैसे सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए कार्य शामिल हैं।
सीएक्यूएम के बयान में कहा गया है कि "एनसीआर में शामिल राज्य सरकारों और दिल्ली सरकार को कक्षा VI - IX, कक्षा XI के स्कूल क्लास को बंद करने और ऑनलाइन मोड में पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लेने का अधिकार होगा।"
सीएक्यूएम ने जारी बयान में कहा है "इसके अतिरिक्त, एनसीआर राज्य सरकारें और दिल्ली सरकार यह निर्णय ले सकती हैं कि सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50 फीसदी उपस्थिति के साथ काम करने की अनुमति दी जाए और बाकी को घर से काम करने की अनुमति दी जाए।"
"केन्द्रीय सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों के लिए भी वर्क-फ्रॉम-होम की अनुमति दी जा सकती है, जबकि अन्य आपातकालीन उपायों जैसे कि कॉलेजों/शैक्षिक संस्थानों को बंद करना और गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को रोकना और वाहनों को उनके रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर ऑड-ईवन प्रणाली से चलाने की अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है।"
सीएक्यूएम के बयान में यह भी सलाह दी गई कि "बच्चों, बुजुर्गों और जो लोग श्वसन, हृदय रोग, मस्तिष्क से संबंधित या अन्य पुराने रोंगों से पीड़ित हैं, उन्हें बाहर की गतिविधियों से बचना चाहिए और जितना संभव हो घर के अंदर रहना चाहिए।"