देश में आज शिलांग की हवा सबसे साफ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 23 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक शिलांग में वायु गुणवत्ता सूचकांक 11 दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ आज राजस्थान के चुरू शहर की हवा सबसे खराब रही, जहां एक्यूआई 148 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि चुरू की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा खराब है।
हालांकि राहत की बात यह रही कि देश में एक भी शहर में वायु गुणवत्ता खराब या बेहद खराब श्रेणी में नहीं है। वहीं श्री विजयपुरम जहां कल एक्यूआई 318 दर्ज किया गया था। वो आज 289 अंकों के सुधार के साथ महज 29 रह गया है, जोकि बेहद हैरान कर देने वाला है।
रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के 61 फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है, जबकि 26 फीसदी में हवा साफ बनी हुई है। दूसरी तरफ 12 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
प्रदूषण में जहां चूरू अव्वल रहा, वहीं राउरकेला, 144 अंकों के साथ दूसरे जबकि वापी (139) तीसरे स्थान पर रहा। पाली में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 136 दर्ज किया गया है। इसी तरह बीकानेर (134) पांचवें, जबकि बाड़मेर (129) छठे स्थान पर है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण के स्तर में दस अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में एक्यूआई बढ़कर 129 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली की वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही श्रीगंगानगर में भी सूचकांक 129 दर्ज किया गया है, जो आज प्रदूषण के मामले में आठवें स्थान पर है।
इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में दौसा (120) और बर्नीहाट (119) शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि जहां दिल्ली, झालावाड़, हाजीपुर में ओजोन का स्तर हावी रहा। वहीं बर्नीहाट, भिवंडी में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 जबकि चुरू, वापी, पाली, बीकानेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, दौसा, झुंझुनूं, सीकर, जैसलमेर, नागौर आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक रही।
दिल्ली की तरह ही देश के 27 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बर्नीहाट, छपरा, चुरू, दौसा, गुरूग्राम, हाजीपुर, इंफाल, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कल्याण, नागौर, पाली, राउरकेला, सहरसा, सवाई माधोपुर, सीकर आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब दस फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश के 59 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कटक, दमोह, देवास, फिरोजाबाद, हल्दिया, हापुड, इंदौर, जलगांव, काशीपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नयागढ़, पिंपरी-चिंचवाड, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आगरा सहित देश के 138 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों में हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलना, झांसी, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोप्पल, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 225 में से 59 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 138 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 22 मई 2025 को यह आंकड़ा 113 दर्ज किया गया था।
28 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में चुरू (148) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 150 के करीब पहुंच गया। कल श्री विजयपुरम में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 318 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 10 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 129 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज पाली चौथे स्थान पर है, वहीं राउरकेला (144) दूसरे, जबकि वापी (139) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 73, गाजियाबाद में 75, गुवाहाटी में 65, गुरूग्राम में 106, नोएडा में 79, ग्रेटर नोएडा में 76 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 82 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 72, चेन्नई में 79, चंडीगढ़ में 91, हैदराबाद में 63, जयपुर में 94 और पटना में 90 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 59 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, बालासोर, बैरकपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बिलासपुर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, देवास, फिरोजाबाद, हल्दिया, हापुड, इंदौर, जलगांव, काशीपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नयागढ़, पिंपरी-चिंचवाड, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम,शिलांग, शिवमोगा, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलना, झांसी, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोप्पल, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, राजसमंद, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सासाराम, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 138 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।