आंकड़ों के अनुसार, देश के 68 शहरों में हवा साफ है, जबकि मंडी गोबिंदगढ़ सबसे प्रदूषित शहर है।
मंडी गोबिंदगढ़ का वायु गुणवत्ता सूचकांक 235 तक पहुंच गया है, जो 'खराब' श्रेणी में आता है। वहीं, करूर की हवा सबसे साफ है, जहां सूचकांक मात्र 16 है।
देश के 30.2 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 59.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। प्रदूषित शहरों की संख्या में 16 फीसदी की गिरावट आई है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज नंदेसरी, सिंगरौली, गुम्मिडिपूंडी, अंगुल, बिलीपाड़ा, औरंगाबाद (बिहार), बर्नीहाट, एलूर आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण हावी हैं।
दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। हालांकि वहां आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 30.2 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 59.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 10.2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है। हालांकि कल से साफ हवा वाले शहरों में हुए इजाफे और प्रदूषित शहरों की संख्या में आई गिरावट ने राहत की सांस दी है।
प्रदूषित शहरों की बात करें तो आज देश में मंडी गोबिंदगढ़ की स्थिति सबसे खराब है। हालात यह हैं कि वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 235 तक पहुंच गया। मतलब कि वहां वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी से 'खराब' हो गई है। इस दौरान वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) पूरी तरह हावी रहे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो मंडी गोबिंदगढ़ में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 422 फीसदी अधिक है।
बता दें कि कल मंडी गोबिंदगढ़ में एक्यूआई 115 रिकॉर्ड किया गया था। तबसे वहां प्रदूषण के स्तर में 120 अंकों का उछाल आया है। इसका मतलब है कि वहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
वहीं आंकड़ों के मुताबिक कल देश में विशाखापत्तनम की स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 235 तक पहुंच गया था। हालांकि कल से आज विशाखापत्तनम की वायु गुणवत्ता में 120 अंकों का सुधार आया है।
विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि कल से देश में जहां प्रदूषित शहरों की गिनती में 16 फीसदी गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 21 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ आज देश में करूर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 16 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर मंडी गोबिंदगढ़ की तुलना करूर से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा खराब है।
प्रदूषित शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो आज तिरुवनंतपुरम दूसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 223 दर्ज किया गया। वहीं प्रदूषित शहरों में आज नंदेसरी (171) तीसरे जबकि बिहार का बेगूसराय चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 158 दर्ज किया गया है।
कमोबेश कुछ ऐसी ही स्थिति सिंगरौली में भी है जो 144 अंकों के साथ पांचवां सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह गुम्मिडिपूंडी (142) छठे जबकि बुलन्दशहर (135) सातवें पायदान पर है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज अंगुल (132), बिलीपाड़ा (127) और ग्रेटर नोएडा (120) भी शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि आज नंदेसरी, सिंगरौली, गुम्मिडिपूंडी, अंगुल, बिलीपाड़ा, औरंगाबाद (बिहार), बर्नीहाट, एलूर आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण हावी हैं। वहीं मंडी गोबिंदगढ़, बुलन्दशहर, ग्रेटर नोएडा, वापी, विशाखापत्तनम, क्योंझर, गाजियाबाद, बांसवाड़ा, टोंक, बोईसर, प्रतापगढ़, कल्याण आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह कई शहरों में ओजोन, कार्बन जैसे प्रदूषक हावी हैं।
इन शहरों के उलट आज देश में बठिंडा सहित छोटे बड़े 68 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कांचीपुरम, करूर, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, रूपनगर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। हालांकि वहां आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के 133 अन्य शहरों में आज वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई।
इन शहरों में मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पंचगांव, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, श्री गंगानगर आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो आज देश के 21 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम जबकि दो में खराब है। आज जिन शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है, उनमें अंगुल, औरंगाबाद (बिहार), बांसवाड़ा, बेगूसराय, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, एलूर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, कल्याण, क्योंझर, नंदेसरी, प्रतापगढ़, सिंगरौली, टोंक, वापी, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
राहत की खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 225 में से 68 (+21.4 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 134 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 10 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 140 दर्ज किया गया था।
21 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में मंडी गोबिंदगढ़ (235) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल विशाखापत्तनम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 235 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 अंकों के उछाल के साथ 94 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बेगूसराय चौथे स्थान पर है, वहीं तिरुवनंतपुरम (223) दूसरे, जबकि नंदेसरी (171) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 68, गाजियाबाद में 109, गुवाहाटी में 54, गुरूग्राम में 83, नोएडा में 94, ग्रेटर नोएडा में 120 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 68 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 79, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 53, हैदराबाद में 70, जयपुर में 90 और पटना में 75 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 68 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमृतसर, बागलकोट, बालासोर, बठिंडा, भागलपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बीदर, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गंगटोक, गया, हाजीपुर, हसन, होसुर, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, रूपनगर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सोलापुर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तुमकुरु, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलासपुर, बूंदी, चंडीगढ़, चेन्नई, छपरा, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दिल्ली, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पंचगांव, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, श्री गंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन आदि 134 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।