देश के सभी शहरों को पीछे छोड़ जलना की हवा में घुला जहर जानलेवा स्तर पर पहुंच गया है। हालात यह है कि वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 310 पर पहुंच गया है।
इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में श्रीगंगानगर, बर्नीहाट, ग्रेटर नोएडा, अंगुल, विशाखापत्तनम, रायचुर, समस्तीपुर, इंफाल, चंडीगढ़ शामिल रहे। इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों से कई गुणा ज्यादा है।
वहीं दूसरी तरफ देश में दावनगेरे की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 24 दर्ज किया गया है। यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर जलना की तुलना दावनगेरे से करें तो वहां हवा 12 गुणा ज्यादा खराब है। दावनगेरे की तरह ही देश के 115 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।
इन शहरों में गोरखपुर, हल्दिया, हसन, हिसार, हुबली, हैदराबाद, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, कारवार, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ आदि शहर शामिल रहे। हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में ढाई फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक राजधानी दिल्ली में भी कल से प्रदूषण के स्तर में इजाफा देखा गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 11 अंक बढ़कर 94 पर पहुंच गया। दूसरी तरफ पड़ोसी शहर फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में कल से चार अंकों की गिरावट आई है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 74 पर पहुंच गया है। हालांकि इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।
इसी तरह देश के छोटे बड़े 120 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इसी तरह देश में हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हावेरी, हावड़ा, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झांसी, जींद, कडपा, कैथल, कानपुर, करनाल, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद आदि शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। कल से देखें तो इन शहरों की संख्या में 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं आंकड़ों के मुताबिक देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में अंगुल, बर्नीहाट, ग्रेटर नोएडा, इंफाल, रायचुर, समस्तीपुर, श्रीगंगानगर और विशाखापत्तनम शामिल थे। हालांकि कल की तुलना में इन शहरों की संख्या में 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
कुल मिलकर देखें तो देश के 47 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है, जबकि 49 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति संतोषजनक है। वहीं करीब चार फीसदी शहरों में प्रदूषण के चलते हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 247 में से 116 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 122 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 107 दर्ज किया गया था। आठ शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में जलना (310) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (94) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 11 अंकों का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 74, गाजियाबाद में 98, गुरुग्राम में 74, नोएडा में 81, ग्रेटर नोएडा में 120 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 40 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 45, चेन्नई में 55, चंडीगढ़ में 98, हैदराबाद में 50, जयपुर में 51 और पटना में 62 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 116 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, बागलकोट, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, हल्दिया, हसन, हिसार, हुबली, हैदराबाद, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, कारवार, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, महाड, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पलवल, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सलेम, सांगली, सासाराम, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उदयपुर, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल रहे।
वहीं अगरतला, अहमदनगर, अजमेर, अम्बाला, अमृतसर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दौसा, दिल्ली, देवास, धारवाड़, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गंगटोक, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हावेरी, हावड़ा, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झांसी, जींद, कडपा, कैथल, कानपुर, करनाल, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पंचकुला, पानीपत, पटना, पीथमपुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिंगरौली, सिरसा, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, थूथुकुडी, तिरुपुर, तुमकुरु, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वेल्लोर, यमुनानगर आदि 122 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।