दिल्ली के मौसम में आते बदलाव के साथ वायु प्रदूषण में भी गिरावट आई है। यही वजह है कि 2024 में पहली बार दिल्ली की वायु गुणवत्ता संतोषजनक हुई है। आज से पहले पिछले छह महीनों में कभी भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 80 से नीचे नहीं गया। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कल से 57 अंकों का सुधार आया है। इसी तरह फरीदाबाद के प्रदूषण में 25 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वहां भी वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक हो गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या बढ़कर 105 पर पहुंच गई है। मतलब की कल से इन शहरों की संख्या में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इन शहरों में आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद महाराष्ट्र), बागलकोट, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, एलूर, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड़, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, कलबुर्गी, कल्याण, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, आदि शहर शामिल रहे।
एक बार फिर देश में मदिकेरी की हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 20 दर्ज किया गया है। दूसरी तरफ देश में धौलपुर की हवा सबसे ज्यादा दूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 217 दर्ज किया गया है। यदि मदिकेरी से तुलना करें तो धौलपुर में हवा करीब 11 गुना खराब है।
इसी तरह देश के दो अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता 'दमघोंटू' बनी हुई है। इन शहरों में मोतिहारी (202) और रोहतक (215) शामिल हैं। कल से देखें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 40 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी 55 फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों में अमृतसर, अररिया, बठिंडा, भरतपुर, भिवाड़ी, चरखी दादरी, धनबाद, डूंगरपुर, जैसलमेर, करौली, मुजफ्फरनगर, नागौर, पंचकुला, पटना, राजगीर, सासाराम, सिरसा, श्रीगंगानगर शामिल रहे। देश में 101 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया।
कल से देखें तो देश में इन शहरों की संख्या में नौ फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों में अलवर, अंबाला, अंगुल, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, भागलपुर, भिवानी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दिल्ली, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हसन, हिसार, हैदराबाद आदि शहर शामिल थे। कुल मिलकर देखें तो देश में मानसून के साथ प्रदूषण में गिरावट आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 227 में से 105 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 101 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 जून 2024 यह आंकड़ा 111 दर्ज किया गया था।
18 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं तीन शहरों धौलपुर, मोतिहारी, रोहतक में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में धौलपुर (217) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के पार पहुंच गया है।
यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 57 अंक गिरकर 79 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 99, गाजियाबाद में 66, गुरुग्राम में 98, नोएडा में 62, ग्रेटर नोएडा में 88 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 36 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 66, चेन्नई में 60, चंडीगढ़ में 91, हैदराबाद में 55, जयपुर में 48 और पटना में 109 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 105 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, एलूर, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड़, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, कलबुर्गी, कल्याण, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, जेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मैहर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, ऋषिकेश, सांगली, सिलचर, सिलीगुड़ी, सोनीपत, ठाणे , तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, तिरुपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल रहे।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अलवर, अंबाला, अंगुल, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, भागलपुर, भिवानी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दिल्ली, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हसन, हिसार, हैदराबाद, इंफाल, जालंधर, झालावाड़, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कन्नूर, कानपुर, करनाल, खन्ना, किशनगंज, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नारनौल, नोएडा, पानीपत, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, त्रिशूर, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, उज्जैन, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि 101 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।
वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।