वायु

2025 में पहली बार इतनी साफ हुई दिल्ली की हवा, 65 पर पहुंचा एक्यूआई

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के करीब 54 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं चार फीसदी से भी कम शहरों में हालात चिंताजनक है

Lalit Maurya

देश में मानसूनी बारिश के साथ प्रदूषण में भी गिरावट आ रही है। इसके चलते ही दिल्ली वालों को साफ हवा की सौगात मिली है। 2025 में पहला मौका है जब हवा इतनी साफ हुई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 30 जून 2025 को जारी रुझानों से पता चला है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 अंकों के सुधार के साथ 65 पर पहुंच गया।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में मेघालय के बर्नीहाट शहर की हवा सबसे प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 दर्ज किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों के लिहाज से देखें तो बर्नीहाट की हवा 900 फीसदी अधिक प्रदूषित है। वहीं कल देश में नंदेसरी की हवा सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 208 दर्ज किया गया था। हालांकि आज सरकार ने नंदेसरी की वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

इसी तरह 132 अंकों के साथ गुम्मिडिपूंडी दूसरे जबकि मंडी गोबिंदगढ़ (118) तीसरे स्थान पर रहा। रुझानों पर नजर डाले तो आज बर्नीहाट और गुम्मिडिपूंडी की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी है। वहीं मंडी गोबिंदगढ़ की हवा में कार्बन की अधिकता है।

राहत की खबर यह है कि आज देश में एक भी शहर ऐसा नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता 200 के पार है। मतलब की एक भी शहर में हवा 'खराब' श्रेणी में नहीं है। वहीं साथ ही देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है, उनकी गिनती में भी 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

हालांकि 118 अंकों के साथ सहरसा देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चौथे जबकि खुर्जा (117) पांचवें पायदान पर है। इसी तरह देश में छपरा (110), इंफाल (110) और श्रीगंगानगर (101) में भी वायु गुणवत्ता चिंताजनक है।

देश में जहां आज सहरसा, खुर्जा, श्रीगंगानगर आदि शहरों की हवा में पीएम10 हावी है। वहीं इंफाल में सल्फर डाइऑक्साइड से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इन शहरों के उलट देश में एक बार फिर शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई महज 9 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा खराब है।

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के करीब 54 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं चार फीसदी से भी कम शहरों में हालात चिंताजनक है। 42 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

रुझानों पर नजर डालें तो शिलांग सहित देश के 113 अन्य शहरों में हवा साफ है।

इन शहरों में कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, देवास, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हावेरी, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं राजधानी दिल्ली की तरह ही छोटे बड़े 90 शहरों में स्थिति संतोषजनक है। इन शहरों में हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, कडपा, खन्ना, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नोएडा, ऊटी, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, रानीपेट, रतलाम आदि शामिल हैं।

हालांकि कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के महज आठ शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बर्नीहाट, छपरा, गुम्मिडिपूंडी, इंफाल, खुर्जा, मंडी गोबिंदगढ़, सहरसा, श्रीगंगानगर शामिल हैं। कल से देखें तो मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

क्या कहते हैं आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 212 में से 114 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 90 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 29 जून 2025 को यह आंकड़ा 94 दर्ज किया गया था।

8 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (150) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 160 के करीब पहुंच गया। कल भी नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 208 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 18 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 65 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सहरसा चौथे स्थान पर है, वहीं गुम्मिडिपूंडी (132) दूसरे, जबकि मंडी गोबिंदगढ़ (118) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 45, गाजियाबाद में 55, गुवाहाटी में 46, गुरूग्राम में 51, नोएडा में 64, ग्रेटर नोएडा में 62 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 53 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 60, चेन्नई में 75, चंडीगढ़ में 56, हैदराबाद में 67, जयपुर में 57 और पटना में 86 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 114 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बारां, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बक्सर, चामराजनगर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, देवास, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हावेरी, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमकुरु, तुमिडीह, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर  शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, होसुर, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, कडपा, खन्ना, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नोएडा, ऊटी, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 90 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।