वायु

देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों में आई 64 फीसदी की गिरावट, प्रदूषण में आगे रहे बद्दी-श्री गंगानगर

प्रदूषण के मामले में श्री गंगानगर अव्वल है। यदि देश के सबसे साफ शहर सिलीगुड़ी से तुलना करें तो वहां प्रदूषण करीब 11 गुणा है

Lalit Maurya

104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं आठ शहरों बद्दी, धौलपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, मुजफ्फरनगर, नोएडा, श्री गंगानगर, सुआकाती में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में श्री गंगानगर (265) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पास पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 37 अंक गिरकर 190 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 187, गाजियाबाद में 178, गुरुग्राम में 210, नोएडा में 226, ग्रेटर नोएडा में 249 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 71 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 166, चेन्नई में 85, चंडीगढ़ में 139, हैदराबाद में 82, जयपुर में 140 और पटना में 116 दर्ज किया गया।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों से पता चला है कि देश की हवा में कल से सुधार आया है। इसका जीता जागता सबूत है कि देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों में कल से करीब 64 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद देश के आठ शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू बना हुआ है। इन शहरों में बद्दी (258), धौलपुर (207), ग्रेटर नोएडा (249), गुरुग्राम (210), मुजफ्फरनगर (253), नोएडा (226), श्री गंगानगर (265), और सुआकाती (219) शामिल रहे। अन्य शहरों से तुलना करें तो प्रदूषण के मामले में श्री गंगानगर अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 265 दर्ज किया गया है। देश के सबसे साफ शहर रहे सिलीगुड़ी से यदि श्री गंगानगर की तुलना करें तो वहां प्रदूषण करीब 11 गुणा है। इसी तरह मुजफ्फरनगर में भी स्थिति खराब है।

वहीं दूसरी तरफ देश के 28 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में मामूली कमी आई है। इन शहरों में हल्दिया, हावेरी, कन्नूर, कारवार, मदिकेरी, मंगलौर, मैसूरु, नारनौल, रामनगर, रामनाथपुरम, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, तिरुपुर शामिल रहे। दूसरी तरफ देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 13 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। यही वजह है कि इन शहरों की संख्या बढ़कर 94 पर पहुंच गई है। बता दें कि इन शहरों में चित्तूर, कटक, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडीपोंडी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जलगांव, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मैहर, मालेगांव, मानेसर, मिलुपारा, मीरा-भयंदर, मुंबई, मुंगेर, नागांव, नलबाड़ी, नासिक, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड़, पुडुचेरी, पुणे, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, सतना, शिवमोगा , सिरोही, तालचेर, टेनसा, ठाणे आदि शामिल हैं।

देश के 104 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बाड़मेर, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बीदर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलंदशहर, बूंदी, बर्नीहाट , चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छाल, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, देहरादून, दिल्ली, धारूहेड़ा, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड़, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलना, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ आदि शामिल थे। कल की तुलना में देखें तो इन शहरों की संख्या में छह फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि हल्की-फुलकी बारिश के बाद दिल्ली के प्रदूषण में गिरावट देखी गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 37 अंक गिरकर 190 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। कुल मिलकर देखें तो देश में कल से वायु गुणवत्ता में सुधार आया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 31 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 234 में से 28 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 94 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 30 मई 2024 यह आंकड़ा 83 दर्ज किया गया था।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

हल्दिया (49) सहित देश के जिन 28 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा 50, अरियालुर 42, बरेली 41, बेलगाम 40, चामराजनगर 41, कोयंबटूर 38, कुड्डालोर 43, गडग 44, गंगटोक 38, गुवाहाटी 36, हावेरी 41, कन्नूर 42, कारवार 39, मदिकेरी 34, मंगलौर 45, मैसूरु 43, नारनौल 46, रामनगर 36, रामनाथपुरम 28, सिलचर 44, सिलीगुड़ी 25, शिवसागर 41, तिरुवनंतपुरम 40, तिरुपुर 49, वाराणसी 48, विजयपुरा 39, वृंदावन 46 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अलवर, अंबाला, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बारीपाड़ा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चेन्नई, चिक्काबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, कटक, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडीपोंडी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जलगांव, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मैहर, मालेगांव, मानेसर, मिलुपारा, मीरा-भयंदर, मुंबई, मुंगेर, नागांव, नलबाड़ी, नासिक, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड़, पुडुचेरी, पुणे, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, सतना, शिवमोगा , सिरोही, तालचेर, टेनसा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार आदि 94 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

दूसरी तरफ देश में अमरावती में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है। यदि अमरावती में प्रदूषण की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा से करें तो वहां हवा 17 गुणा साफ है। इसी तरह देश 34 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। यदि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। ऐसा ही कुछ संतोषजनक हवा वाले शहरों के साथ भी हुआ है, जिनकी संख्या में कल से दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि इन शहरों की संख्या 92 बनी हुई है। इनमें अंबाला, अमरावती, बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर आदि शहर शामिल हैं।

देश के 75 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया है। इन शहरों में बागपत, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, धनबाद, धारूहेड़ा, धुले, गडग, ग्वालियर आदि शहर शामिल रहे। कल से देखें तो इन शहरों के आंकड़े में आठ फीसदी की गिरावट आई है।