केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 01 अगस्त को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि जहां देश के 36 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 57 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों पर नजर डालें तो देश के जिन सात शहरों में स्थिति चिंताजनक है, उनमें सुआकाती अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 200 के करीब पहुंच गया।
चिंता की बात यह रही कि इस दौरान सुआकाती की हवा में ओजोन हावी था, जिसकी मौजूदगी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह स्थिति किस कदर खराब है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सुआकाती में प्रदूषण विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय मानकों से 227 फीसदी अधिक है।
वहीं राजस्थान का धौलपुर प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 155 दर्ज किया गया। इसी तरह छपरा (132) तीसरे जबकि बद्दी (130) चौथे पायदान पर है। विशाखापत्तनम में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 129 अंकों के साथ प्रदशित शहरों की लिस्ट में पांचवें स्थान पर है। इसी तरह गुम्मिडिपूंडी (127), बारां (126), बेगूसराय (117), तालचेर (114) और नंदेसरी (113) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
इस दौरान जहां धौलपुर, बद्दी, विशाखापत्तनम, गुम्मिडिपूंडी, बारां, तालचेर, नंदेसरी, वापी, दौसा, जैसलमेर, जालौर, पीथमपुर आदि शहरों में पीएम10 हावी था। वहीं छपरा, बेगूसराय आदि की हवा बढ़ते पीएम2.5 से चिंताजनक रही।
वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर सुआकाती की तुलना आइजोल से करें तो स्थिति आठ गुणा खराब है।
हालांकि आइजोल की तरह आज देश के 36 फीसदी से अधिक यानी 82 शहरों में हवा साफ है। लेकिन कल से इन शहरों की गिनती में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि बेहद चिंता का विषय है।
आज देश के जिन शहरों में हवा साफ है, उनमें कानपुर, करौली, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपट्टिनम, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश आदि शामिल हैं।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में मामूली उछाल आया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक दो अंक बढ़कर 61 पर पहुंच गया। राहत की बात यह है कि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
दिल्ली की तरह ही देश के छोटे-बड़े 128 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई। इन शहरों में भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, करूर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 24 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है।
वहीं दूसरी तरफ अगस्त के पहले दिन देश के 15 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही। इन शहरों में बद्दी, बारां, बेगूसराय, छपरा, दौसा, धौलपुर, गुम्मिडिपूंडी, जैसलमेर, जालौर, नंदेसरी, पीथमपुर, सुआकाती, तालचेर, वापी, विशाखापत्तनम शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी 15 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 225 में से 82 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 128 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 31 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 103 दर्ज किया गया था।
15 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में सुआकाती (196) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया। कल दुर्गापुर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 156 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में दो अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 61 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक श्रेणी में बना हुआ है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बद्दी चौथे स्थान पर है, वहीं धौलपुर (155) दूसरे, जबकि छपरा (132) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 54, गाजियाबाद में 59, गुवाहाटी में 48, हापुड में 63, नोएडा में 55, ग्रेटर नोएडा में 68 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 60 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 83, चेन्नई में 84, चंडीगढ़ में 49, हैदराबाद में 68, जयपुर में 86 और पटना में 76 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 82 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, आइजोल, अरियालूर, आरा, आसनसोल, बागलकोट, बठिंडा, भरतपुर, भिवाड़ी, बिलासपुर, बुलन्दशहर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हावेरी, होसुर, हावड़ा, हुबली, जालंधर, जोरापोखर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपट्टिनम, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, तिरुपति, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंगुल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, करूर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नोएडा, ऊटी, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सूरत, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर आदि 128 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।