कालिख में हर माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की वृद्धि के साथ डिमेंशिया के खतरे में 13 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया।प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक 
वायु

साफ हवा वाले शहरों में 15 फीसदी का इजाफा, दूसरी तरफ प्रदूषण में अव्वल नंदेसरी

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 33.3 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 59.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 8.1 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं

Lalit Maurya

  • देश में वायु गुणवत्ता में सुधार की खबरें हैं, जहां 15% शहरों में साफ हवा का इजाफा हुआ है।

  • हालांकि, नंदेसरी में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 165 दर्ज किया गया।

  • शिलांग में सबसे साफ हवा दर्ज की गई है, जबकि गुम्मिडिपूंडी और ग्रेटर नोएडा भी प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।

  • आज देश के जहां 33.3 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 59.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 8.1 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

  • कल से देश में जहां प्रदूषित शहरों की गिनती में 10 फीसदी गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

आज देश में नंदेसरी की स्थिति सबसे खराब है। वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 165 दर्ज किया गया। मतलब कि वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में है। इस दौरान वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी रहे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो नंदेसरी में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 1,000 फीसदी अधिक है।

बता दें कि कल नंदेसरी में एक्यूआई 171 रिकॉर्ड किया गया था। तबसे वहां प्रदूषण के स्तर में छह अंकों की गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद वहां हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

वहीं आंकड़ों के मुताबिक कल देश में मंडी गोबिंदगढ़ की स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 235 तक पहुंच गया था। हालांकि कल से आज मंडी गोबिंदगढ़ की वायु गुणवत्ता में 151 अंकों का सुधार आया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 33.3 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 59.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 8.1 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है। हालांकि कल से साफ हवा वाले शहरों में हुए इजाफे और प्रदूषित शहरों की संख्या में आई गिरावट ने राहत की सांस दी है।

विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि कल से देश में जहां प्रदूषित शहरों की गिनती में 10 फीसदी गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 16 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 9 गुणा खराब है।

प्रदूषित शहरों में आज गुम्मिडिपूंडी (163) दूसरे जबकि ग्रेटर नोएडा (143) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 131 अंकों के साथ बुलन्दशहर चौथे स्थान पर बना हुआ है। विशाखापत्तनम में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है जो आज 130 अंकों के साथ पांचवें पायदान पर है।

वहीं छपरा और गाजियाबाद में एक्यूआई 124 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में प्रतापगढ़ (117), औरंगाबाद (बिहार)    116, और कल्याण (114) भी शामिल हैं।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज जहां नंदेसरी, गुम्मिडिपूंडी, छपरा, बर्नीहाट, दिल्ली, नलबाड़ी आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण हावी हैं। वहीं ग्रेटर नोएडा, बुलन्दशहर, विशाखापत्तनम, गाजियाबाद, प्रतापगढ़, औरंगाबाद (बिहार), कल्याण, बांसवाड़ा, बद्दी, वापी, नोएडा, सागर, टोंक आदि में पीएम 10 से स्थिति चिंताजनक है।

इन शहरों के विपरीत आज अगरतला सहित देश के 78 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गंगटोक, गोरखपुर, हसन, होसुर, हुबली, जबलपुर, जैसलमेर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कारवार आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 15 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक आज देश के छोटे बड़े 137 यानी करीब 59 फीसदी शहरों में हवा सन्तोषजनक है। इन शहरों में  मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागौर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पंचगांव, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही आदि शामिल हैं।

कल से देखें तो साफ हवा वाले शहरों की तरह ही आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी दो फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश के 19 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बांसवाड़ा, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, छपरा, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, कल्याण, नलबाड़ी, नंदेसरी, नोएडा, प्रतापगढ़, सागर, टोंक, वापी, विशाखापत्तनम शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 10 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 234 में से 78 (+14.7 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 137 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 11 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 134 दर्ज किया गया था।

19 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (165) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 170 के करीब पहुंच गया। कल मंडी गोबिंदगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 235 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 अंकों के उछाल के साथ 108 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बुलन्दशहर चौथे स्थान पर है, वहीं गुम्मिडिपूंडी (163) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (143) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 66, गाजियाबाद में 124, गुवाहाटी में 70, गुरूग्राम में 87, नोएडा में 104, ग्रेटर नोएडा में 143 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 55 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 90, चेन्नई में 79, चंडीगढ़ में 50, हैदराबाद में 63, जयपुर में 88 और पटना में 79 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 78 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अररिया, बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, भागलपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गंगटोक, गोरखपुर, हसन, होसुर, हुबली, जबलपुर, जैसलमेर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कारवार, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंगेर, नागपुर, नाहरलगुन, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पेरुंदुरई, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रूपनगर, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, तंजावुर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तुमिडीह, विजयपुरा, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारां, बरेली, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागौर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पंचगांव, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, श्री गंगानगर, सुआकाती, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपुर, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 137 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।