खाद्य उत्पादों में जीएम के अंश मिलने के सीएसई के खुलासे के बाद सत्ताधारी और विरोधी दलों के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। इस मामले में समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद और डिपार्टमेंट रिलेटेड पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमेटी ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट के सदस्य सुखराम सिंह यादव का कहना है कि भोजन में जीएम भोजन मिलना समाज के लिए खतरा और कलंक है। सरकार को ऐसा करने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने संसद में मामले को उठाने की भी बात कही है।
लोकसभा सांसद और डिपार्टमेंट रिलेटेड पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमेटी ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट के सदस्य ददन मिश्रा ने बताया कि भारत में जीएम भोजन की स्वीकृति नहीं मिली है। अगर फिर भी भोजन में जीएम मिला है तो यह गंभीर मामला है। इसके लिए जो दोषी हैं उनकी पहचान करके कार्रवाई होनी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस मामले में जरूरी कदम उठाएगी।
सीएसई की पड़ताल से एक बात साफ हो गई है कि भारत की सर्वोच्च खाद्य नियामक एफएसएसएआई की लापरवाही के कारण ही भारतीय बाजारों में जीएम खाद्य उत्पादों की मौजूदगी बढ़ी है।