कृषि

कहां से आता है दूध?

दूध एक संतुलित आहार है जो हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी को दूर करता है। दुनियाभर मंे करीब 80 प्रतिशत दूध गाय से मिलता है। गाय के अलावा भी बहुत से ऐसे पशु हैं जो हमारी दूध की जरूरतों को पूरा करते हैं। आइए नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ पशुओं पर

Pallavi Ghosh

ऊंटनी

अफ्रीका और एिशया में दूध के उत्पादन के लिए ऊंटनी को पाला जाता है। सब सहारा अफ्रीका में दूध के कुल उत्पादन में 5 प्रतिशत योगदान ऊंटनी के दूध का होता है। सोमालिया विश्व में सबसे ज्यादा ऊंटनी के दूध का उत्पादन करता है। इसके बाद केन्या और माली का नंबर आता है। उत्तरी केन्या में मवेशियों से अधिक दूध ऊंटनी से मिलता है।

बकरी

बकरी भेड़ से ज्यादा दूध देती है। बहुत से ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्रांे मंे बकरी का मांस और दूध आजीविका का मुख्य स्रोत है। बकरी को गरीबों की गाय भी माना जाता है। पश्चिम-मध्य अफ्रीका और कैरिबियाई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बकरी के दूध का उत्पादन होता है। भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान मुख्य दूध उत्पादक देश हैं।

याक

यह बोविड प्रजाति का पशु है। यह ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों मंे एक्सट्रीम परिस्थितियों में रहने वाले लोगों के जीवनयापन का मुख्य स्रोत है। याक -40 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी आसानी से रह सकता है। यह मुख्यत: विश्व की छत माने जाने वाले तिब्बती पठार में पाया जाता है। भारत के लद्दाख, सिक्किम, नेपाल, भूटान में भी यह पाया जाता है। याक यहां रहने वाले लोगों को दूध, मांस, ऊन, चमड़ा और ईंधन के लिए गोबर उपलब्ध कराता है। मंगोलिया में याक दूध और दूध से बने उत्पादों का मुख्य स्रोत है। इसका दूध गुलाबी रंग का होता है। यात्रा और सामान ढाेने में भी याक उपयोगी है। इनके मजबूत और खुरदरे पैर इन्हें बर्फ में चलने में मदद करते हैं।

जेबू

यह गाय परिवार का पशु है। जेबू की देसी नस्ल एशिया, पश्चिम अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में पाई जाती है। भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, माली, नाइजर और ब्राजील में जेबू से दूध उत्पादन सामान्य है।

भैंस

दुिनयाभर में भैंसों की आबादी करीब 20.7 करोड़ है। भारत, पाकिस्तान, चीन, मिस्र और नेपाल में भैसों की संख्या सबसे अधिक है। जल भैंस (वाटर बफेलो) दक्षिण एशिया में दूध का प्रमुख स्रोत हैं। मिस्र, नेपाल और पाकिस्तान में डेरी गाय से अधिक संख्या डेरी भैंसों की है। यहां भैंसों से मवेशियों के मुकाबले अधिक दूध प्राप्त होता है।

घोड़ियां और गधी

बहुत से विकासशील देशों में घोड़ी और गधी का दूध गरीब किसानों के भोजन में मुख्य रूप से शामिल रहता है। आमतौर पर घोड़ियां ठंडे क्षेत्रों में डेरी के उद्देश्य से पाली जाती हैं जबकि गधी को अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों में प्राथमिकता दी जाती है। गधी मंगोलिया में घुमंतू समुदाय के लिए पशु प्रोटीन का भी मुख्य स्रोत हैं। अफ्रीका के कुछ समुदायों में चिकित्सीय उद्देश्य के लिए भी गधी के दूध का सेवन किया जाता है।

रेनडियर

रेनडियर के दूध में प्रोटीन की मात्रा गाय के दूध के मुकाबले चार गुणा अधिक होती है। इसके दूध से मिलने वाली अधिक ऊर्जा और प्रोटीन की बदौलत ही रेनडियर के बच्चे आर्कटिक की भीषण ठंड में भी जीवित रह पाते हैं। रेनडियर घुमंतू प्रजाति का जीव होता है। फिनलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और कोला पेनिनसुला में रेनडियर का दूध और उससे बने उत्पादों का सेवन किया जाता है।

भेड़

दुिनया में भेड़ों की आधी से अधिक आबादी विकासशील देशों में है। भेड़ का अधिकांश दूध भूमध्य क्षेत्र मंे उत्पादित किया जाता है। अधिकांश डेरी भेड़ की नस्लें इस क्षेत्र और पूर्व के आसपास पाई जाती हैं। चीन, टर्की और ग्रीस भेड़ का दूध उत्पादन करने वाले बड़े देश हैं। अधिकांश डेरी भेड़ चीन, सीरिया अरब गणराज्य, ईरान, टर्की और अलजीरिया में पाई जाती हैं।