कल, यानी चार फरवरी को संसद के बजट सत्र का दूसरा दिन था। सत्र के दौरान उठाए गए एक सवाल के जवाब में, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री राम नाथ ठाकुर ने लोकसभा में बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग संबंधित राज्य बागवानी,कृषि विभागों, एजेंसियों द्वारा किए गए आकलन व सर्वेक्षणों के आधार पर सब्जियों सहित बागवानी फसलों के क्षेत्र और उत्पादन का अनुमान एकत्रित किया जाता है।
इन अनुमानों के अनुसार, देश में सब्जियों का उत्पादन पिछले दस सालों में 21.4 फीसदी बढ़कर 2014-15 में 16 करोड़ 94 लाख 80 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 20.58 करोड़ मीट्रिक टन (तीसरा अग्रिम अनुमान) हो गया है।
पवन ऊर्जा में निवेश
सदन में उठाए एक एक प्रश्न के उत्तर में, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में कहा कि पवन ऊर्जा क्षेत्र में निवेश में वृद्धि हो रही है, वित्त वर्ष 2021-22, वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान क्रमशः 7770 करोड़ रुपये, 15,925 करोड़ रुपये और 22,771 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश किया गया।
देश में सौर शहरों का विकास
सदन में पूछे गए एक और प्रश्न के उत्तर में, राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में बताया कि वर्तमान में, मंत्रालय देश के विभिन्न शहरों को सौर शहरों के रूप में विकसित करने के लिए कोई विशेष योजना लागू नहीं कर रहा है। हालांकि मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कम से कम एक शहर को सौर शहर के रूप में विकसित करने का अनुरोध किया है।
झारखंड सरकार ने सौर शहर के रूप में विकसित करने के लिए गिरिडीह शहर को चुना है। राज्य ने छत पर सौर, जमीन पर लगे सौर और सौर स्ट्रीट लाइट की स्थापना के माध्यम से गिरिडीह सौर शहर के लिए कुल 41 मेगावाट की सौर क्षमता जोड़ने की योजना बनाई है। राज्य ने आवासीय क्षेत्र में 10.14 मेगावाट की कुल क्षमता की छत पर सौर और गिरिडीह सौर शहर कार्यक्रम के तहत 10,500 सौर स्ट्रीट लाइट की स्थापना की जानकारी दी है।
देश में एचएमपीवी वायरस के कारण मौतें
सदन में कल, देश में एचएमपीवी वायरस को लेकर एक सवाल पूछा गया, जिसका जवाब देते हुए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि 29 जनवरी 2025 तक, एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) पोर्टल पर कुल 59 मानव मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) मामले दर्ज किए गए हैं और इसके कारण दो मौतें दर्ज की गई हैं।
दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसें
दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में, भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने लोकसभा में बताया कि 27 जनवरी 2025 तक, इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा देने के लिए फेम योजना के तहत सरकार द्वारा दिल्ली को कुल 1321 बसें दी गई।
क्योंकि फेम-द्वितीय योजना 31 मार्च, 2024 को समाप्त हो गई है, इसलिए सब्सिडी के लिए बसों का कोई नया आवंटन नहीं होगा। हालांकि एक अक्टूबर, 2024 को शुरू की गई भारी उद्योग मंत्रालय की पीम ई-ड्राइव योजना ने राज्य परिवहन उपक्रमों (एसटीयू) और सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों द्वारा 14,028 इलेक्ट्रिक बसों (ई-बसों) की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। वर्मा ने बताया कि इसमें मुख्य रूप से 40 लाख से अधिक आबादी वाले नौ शहरों यानी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बैंगलोर, पुणे और हैदराबाद शामिल हैं।
ई-मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम, 2024 (ईएमपीएस, 2024)
सदन में कल, यानी चार फरवरी को उठाए गए एक सवाल के जवाब में, भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने लोकसभा में कहा कि मंत्रालय ने एक अप्रैल, 2024 से 30 सितम्बर, 2024 तक छह महीने की अवधि के लिए 778.00 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) 2024 को लागू किया। जिसका उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता को कम करना और इलेक्ट्रिक टू व्हीलर (ई2डब्ल्यू) और थ्री व्हीलर (ई-3डब्ल्यू) को तेजी से अपनाकर कार्बन उत्सर्जन को कम करना है।
इसके अलावा देश में हरित गतिशीलता और ईवी विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को और गति प्रदान करने के लिए ईएमपीएस-2024 को 29 सितंबर, 2024 को अधिसूचित 'पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना' में शामिल कर लिया गया है। इस योजना को ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों सहित अखिल भारतीय स्तर पर क्रियान्वित किया जा रहा है और इसका परिव्यय ईएमपीएस-2024 के परिव्यय सहित 10,900 करोड़ रुपये है।
देश में प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान
प्राकृतिक आपदाओं से देश में हुए नुकसान को लेकर सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि मंत्रालय बाढ़ और भूस्खलन सहित किसी भी आपदा के कारण होने वाले नुकसान के आंकड़े केंद्रीय रूप से नहीं रखता है। हालांकि विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों ने साल 2024-25 के दौरान मौसम संबंधी आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की रिपोर्ट दी है। 27 जनवरी, 2025 तक, देश में मौसमी आपदाओं के कारण कुल 2936 लोगों की जान चली गई, 61826 मवेशी मारे गए, 363381 नलकूप क्षतिग्रस्त हुए और 14.24 लाख हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ।