कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज राज्यसभा में बताया कि भूमिहीन कृषि श्रमिकों और प्रवासी भूमिहीन कृषि किसानों की कोई विशिष्ट जनगणना / सर्वेक्षण नहीं किया गया है। इस तरह देश में भूमिहीन कृषि श्रमिकों और प्रवासी भूमिहीन कृषि किसानों की सही संख्या उपलब्ध नहीं है।
वेक्टर बॉर्न बीमारियां
देश में मलेरिया के मामलों और मौतों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में बताया कि 2015 की तुलना में वर्ष 2020 में मलेरिया के मामलों में 84.4 फीसदी और मलेरिया से होने वाली मौतों में 83.6 फीसदी की कमी आई है। मंडाविया ने बताया कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में डेंगू के 99.82 फीसदी मामले ठीक हुए।
वायु गुणवत्ता के आंकड़े
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया कि 132 शहरों के वायु गुणवत्ता आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि अधिकांश शहरों में 2019-20 की तुलना में वायु गुणवत्ता में सुधार दिख रहा है।
चौबे ने बताया कि 36 शहरों के पीएम10 के परिवेशी वायु गुणवत्ता के आंकड़ों में 2019-2020 की तुलना में 2020-2021 में पीएम10 की सांद्रता में वृद्धि देखी गई है, जबकि 96 शहरों में यह घटा है यानी वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। चौबे ने कहा कि 18 शहर 2019-20 में निर्धारित राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता के अंदर पाए गए, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 27 हो गए हैं।
भारत में तितली की 1318 प्रजातियां
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में तितलियों की 1318 प्रजातियां दर्ज की गई हैं, जैसा कि केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया।
भारत से किसी भी तितली की प्रजाति के विलुप्त होने की कोई जानकारी नहीं है। चौबे ने बताया कि इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) के अनुसार, गंभीर रूप से लुप्तप्राय (क्रिटिकल्ली इन्डैन्जर्ड) के तहत तितली की 35 प्रजातियां, लुप्तप्राय (इन्डैन्जर्ड) के तहत 43 प्रजातियां और कम चिंता (लीस्ट कन्सर्न) वाली श्रेणी के तहत 3 प्रजातियां हैं।
कोयला आधारित बिजली संयंत्र
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा संकलित सूचना के अनुसार, मार्च 2016 से जून 2021 के दौरान विभिन्न कारणों से 126 कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्र इकाइयों को बंद कर दिया गया है। यह उत्सर्जन मानदंडों के अनुपालन सहित तकनीकी-आर्थिक और व्यावसायिक विचार के आधार पर किया गया है। आज यह केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया।
केरल में शहद के लिए दिशानिर्देश
लोकसभा में उठाए गए इस सवाल के बारे में कि केरल में मधुमक्खी पालन करने वाले भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) की गाइडलाइन का पालन करने में असमर्थ हैं। क्योंकि प्राकृतिक कारकों के कारण शहद में नमी का स्तर 20 प्रतिशत से कम है, जिससे केरल में शहद का उत्पादन करना असंभव हो जाता है। इसके लिए नमी का स्तर या आर्द्रता 25 प्रतिशत से नीचे होनी चाहिए। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया कि मिठाई, कन्फेक्शनरी, चीनी, स्वीटनर और शहद पर वैज्ञानिक पैनल की 15वीं बैठक में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया था। शहद में नमी की मात्रा की सीमा की समीक्षा करने पर सहमति बनी है।
तदनुसार, विशेष रूप से केरल से 50 शहद के नमूने राष्ट्रीय अंतःविषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईआईएसटी), केरल में एकत्र किए गए और उनका विश्लेषण किया गया, इसकी रिपोर्ट प्राप्त हुई है। पवार ने बताया कि साइंटिफिक पैनल ने और ढील देने की सिफारिश नहीं की है।
टिड्डियों के हमले से फसलों को नुकसान
भारत में 2019-20 और 2020-21 के दौरान टिड्डियों के हमलों की जानकारी मिली थी, जो कि बहुत बड़े पैमाने पर टिड्डियों के झुंड का उदाहरण हैं। 26 साल के अंतराल के बाद टिड्डियों का इतना बड़ा झुंड भारत में देखा गया। 2019-20 के दौरान, तीन राज्यों, राजस्थान, गुजरात और पंजाब में टिड्डियों की घुसपैठ की सूचना मिली थी, जबकि 2020-21 में, दस राज्यों, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में टिड्डियों की घुसपैठ की जानकारी मिली। यह आज कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में बताया।
राज्यसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक पंजाब, गुजरात, बिहार और छत्तीसगढ़ में टिड्डियों के हमले से फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। आंकड़ों से पता चलता है कि राजस्थान में 489.72 हेक्टेयर में 33 फीसदी से अधिक, मध्य प्रदेश में 4400 हेक्टेयर में 10-15 फीसदी और महाराष्ट्र में 805.80 हेक्टेयर में 33 फीसदी से कम फसल का नुकसान हुआ है।
देश में जैविक खेती के अंतर्गत भूमि
जैविक कृषि अनुसंधान संस्थान-एफआईबीएल और अंतरराष्ट्रीय जैविक कृषि आंदोलन संघ-आईएफओएएम सांख्यिकी 2021 के अंतर्राष्ट्रीय संसाधन आंकड़े के मुताबिक, भारत प्रमाणित जैविक क्षेत्र के मामले में 5वें स्थान पर है और दुनिया में जैविक किसानों के मामले में पहले स्थान पर है। कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्य सभा में बताया कि वर्तमान में 38.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक प्रमाणीकरण के तहत लाया गया है और 44.33 लाख किसान राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) और प्रमाणन के भागीदारी गारंटी प्रणाली (पीजीएस) के तहत कवर किए गए हैं।