कृषि

ईरान से पाकिस्तान की ओर टिड्डी आने का खतरा, भारत में एंट्री हवा पर निर्भर

ताउते के कारण बढ़ी नमी, विभाग अलर्ट, लेकिन अभी गंभीर खतरा नहीं

Madhav Sharma

हाल ही में यूएन की खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की एक एडवायजरी ने भारत में टिड्डी हमले की आशंका जताई है। 17 मई को एफएओ की एडवायजरी में कहा गया है कि मई में टिड्डियों के दक्षिण-पश्चिम ईरान में हैचिंग और कुछ बैंड बने हैं। अपरिपक्व वयस्क टिड्डियों के हवा के अनुकूल होने पर पूर्व में पाकिस्तान की ओर बढ़ने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो भारत में टिड्डी जैसलमेर जिले में प्रवेश कर सकते हैं। इसीलिए जिला प्रशासन ने विभाग संभावित हमले से निपटने और इन हमलों पर काबू पाने की योजना बनाने के आदेश जारी किए हैं।

जैसलमेर जिला कलक्टर आशीष मोदी ने डाउन-टू-अर्थ को बताया, “ टिड्डी दलों के हमले के एफएओ की एडवायजरी के आधार पर जिला प्रशासन को अलर्ट किया गया है। भविष्य की तैयारी के लिए ही आदेश जारी किया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि टिड्डी हमला होगा ही, लेकिन अगर संभावित हमला हुआ तो हम पूरी तरह से तैयार हैं। क्योंकि एफएओ ने पाकिस्तान तक टिड्डी आने की संभावना जताई है, ये हमला जैसलमेर में भी हो सकता है। इसीलिए हमने इससे संबंधिक सभी विभागों को आदेश जारी कर अलर्ट रहने के लिए कहा है। ”

भारत के टिड्डी नियंत्रण और रिसर्च संगठन के जारी हुए बुलेटिन में भी टिड्डी हमले की आशंका जताई गई है। बुलेटिन के अनुसार फिलहाल देश में टिड्डियों का कोई खतरा नहीं है। लेकिन मई के शुरूआती दिनों में इथोपिया में हुई अच्छी बारिश से टिड्डियों ने वहां अंडे देना शुरू कर दिया है। इससे हॉपर बैंड बन सकते हैं। उत्तरी सोमालिया में भी इनके प्रजनन की संभावना है। दक्षिणी हवाओं ने टिड्डियों के वयस्क समूहों को सऊदी अरब से उत्तर में ईराक, इज़राइल, जॉर्डन, लेबनान और सीरिया तक पहुंचाया है।

वहीं, दक्षिण-पश्चिम एशिया आयोग के बुलेटिन में कहा गया है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत में फिलहाल खतरा नहीं है, लेकिन दक्षिण-पश्चिम ईरान में कुछ हैचिंग और बैंड बने हैं। इससे वहां अपरिपक्व वयस्क टिड्डी दल बन सकते हैं और ये पूर्व में पाकिस्तान की तरफ बढ़ सकते हैं।

ताउते ने बनाया अनुकूल माहौल, किसानों को होगा नुकसान!

हाल ही में ताउते तूफान के कारण पूरे राजस्थान में काफी बारिश हुई है। इससे पूरे प्रदेश में नमी बढ़ी है। जैसलमेर में तूफान के कारण सामान्य से छह गुना (6.5 मिमी) ज्यादा बारिश हुई है। जबकि यहां सामान्य बारिश एक मिमी ही है। पूरे राजस्थान में सामान्य (0.7 मिमी) से करीब 4 गुना अधिक (4.9 मिमी) ज्यादा बारिश ताउते तूफान के चलते हुई है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस बारिश के कारण पैदा हुई नमी से टिड्डियों को अधिक खुराक मिलेगी। इसीलिए किसानों को नुकसान होने की संभावना भी अधिक है। 

बीते दो सालों में किया लाखों हेक्टेयर खेती का नुकसान

देश में पिछले दो साल में 10 से ज्यादा राज्यों में टिड्डियों का हमला हुआ है। इसमें राजधानी दिल्ली भी शामिल है। सबसे पहले मई 2019 में जैसलमेर में ही टिड्डियों का पहला हमला हुआ था। इसके बाद बाड़मेर, जालौर, जोधपुर, बीकानेर, गंगानगर सहित करीब पूरे राज्य में टिड्डियों ने खेती को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद अप्रेल 2020 में भी राजस्थान, यूपी, एमपी, हरियाणा, बिहार, गुजरात, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में टिड्डी दलों के हमले हुए थे।