कृषि

संसद में आज: सरकार ने नहीं कराया वायु प्रदूषण से हो रहे आर्थिक नुकसान का सर्वे

देश में पशुओं की आबादी 63 वर्षों में 75 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। यह वृद्धि उसी अवधि में मवेशियों और भैंसों के लिए लगभग 49 प्रतिशत है।

Madhumita Paul, Dayanidhi

देश में खेती योग्य जमीन

सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई) के वाटरशेड विकास के तहत उठाए गए कदम खेती के क्षेत्र को बढ़ाने के सरकार के प्रयासों को आगे बढ़ाते हैं। विभाग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख को 12303.32 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ 50.16 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने वाली 1150 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

चौहान ने बताया कि अब तक राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को 4548.70 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता जारी की गई है। डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0 परियोजनाओं की परियोजना अवधि मार्च, 2026 तक है। सभी स्वीकृत डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0 परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

हिमाचल प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना की स्थापना

संसद का शीतकालीन सत्र जारी है, आज सदन में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में बताया कि नवंबर 2024 तक, हिमाचल प्रदेश में कार्यान्वयन के लिए मिशन के तहत कोई भी परियोजना स्वीकृत नहीं की गई है। हालांकि एसजेवीएन लिमिटेड और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) ने हिमाचल प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाएं स्थापित करने के लिए स्वतंत्र रूप से पहल की है।

बिना जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों का उपयोग करके विद्युत उत्पादन का लक्ष्य

एक और सवाल के जवाब में आज, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में कहा कि कॉप 26 में प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुरूप, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट स्थापित बिजली क्षमता हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है। 31अक्टूबर, 2024 तक, देश में कुल 211.40 गीगावाट गैर-जीवाश्म बिजली क्षमता स्थापित की गई है।

निपाह वायरस के मामले

देश में निपााह वायरस के मामलों को लेकर संसद में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने राज्यसभा में बताया कि पिछले तीन सालों (2021, 2023, 2024) में निपाह वायरस के मामले केवल केरल में ही सामने आए। जाधव ने कहा, केरल के मलप्पुरम जिले में 2024 में निपाह वायरस के कारण दो लोगों की मौत होने की जानकारी है।

वायु प्रदूषण का आर्थिक प्रभाव

संसद में उठाए गए एक सवाल का जवाब देते हुए, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में कहा कि सरकार ने दिल्ली-एनसीआर और पड़ोसी राज्यों में वायु प्रदूषण के लंबी अवधि में पड़ने वाले आर्थिक प्रभावों का मूल्यांकन करने या औद्योगिक उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला में देरी पर उत्तर भारत में गंभीर धुंध के प्रभाव को मापने के लिए कोई विशेष अध्ययन नहीं किया है।

हालांकि गंभीर (एक्यूआई 401-400 के बीच) और गंभीर प्लस (एक्यूआई 450 से अधिक) भारी प्रदूषण वाली स्थितियों के दौरान, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) तीसरा चरण और चौथा चरण लागू किए जाते हैं। जीआरएपी तीसरे और चौथे के तहत, निर्माण और विध्वंस गतिविधियां, स्टोन क्रशर का संचालन, खनन और संबंधित गतिविधियां, बीएस तृतीय और बीएस चतुर्थ लाइट मोटर वाहन और माल ले जाने वाले हल्के व्यावसायिक और मध्यम वाहनों का चलना और ट्रकों का प्रवेश प्रतिबंधित होता है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड कार्यक्रम

मृदा स्वास्थ्य कार्ड के संबंध में सदन में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में आज, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में बताया कि सरकार द्वारा वर्ष 2015 से मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना लागू की गई है। इसके तहत मृदा स्वास्थ्य में सुधार के लिए किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) जारी किए जाते हैं। वर्ष 2024-25 में तमिलनाडु में इस कार्यक्रम के तहत कुल 3,38,600 किसान नामांकित किए गए हैं।

देश में पशुओं की आबादी

आज संसद में उठे एक सवाल का जवाब देते हुए, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने लोकसभा में पशुधन जनगणना के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, 1956 में पशुओं की संख्या 306.60 मिलियन से बढ़कर 2019 में 536.76 मिलियन हो गई। यह 63 वर्षों में 75 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। यह वृद्धि उसी अवधि के लिए मवेशियों और भैंसों के लिए लगभग 49 प्रतिशत है।

देश में गधे, भेड़ और बकरी के दूध का उत्पादन

सदन में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने लोकसभा में कहा कि भारत सरकार का पशुपालन और डेयरी विभाग राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) योजना लागू कर रहा है। जिसका उद्देश्य गधे, भेड़ और बकरी के दूध के उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ इन पशुओं की आबादी को बढ़ाने के लिए प्रति पशु उत्पादकता में वृद्धि करना है। इस योजना को 21 फरवरी 2024 को संशोधित किया गया था, जिसमें गधे की नस्ल को उन्नत बनाना शामिल किया गया था।

जलवायु प्रतिरोधी फसल किस्मों का विकास

जलवायु प्रतिरोधी फसल किस्मों के विकास को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने लोकसभा में बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तत्वावधान में राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (एनएआरएस) जिसमें राज्य और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (एसएयू व सीएयू) और आईसीएआर संस्थान शामिल हैं।

अधिक उच्च उपज देने वाली और जैविक या अजैविक तनाव प्रतिरोधी क्षेत्र-विशिष्ट फसलों की किस्मों के विकास के लिए लगातार अनुसंधान में लगे हुए हैं। इसके चलते, पिछले पांच वर्षों (2019-20 से 2023-24) और चालू वर्ष के दौरान कुल 2005 किस्में जारी की गई हैं, इन किस्मों में से 1840 फसलों की किस्में जलवायु प्रतिरोधी हैं।

ग्लेशियल झीलों के फटने से बाढ़ (जीएलओएफ) शमन परियोजना

आज, सदन में पूछे गए के प्रश्न के उत्तर में, गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार ने चार राज्यों अर्थात् अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में इसके कार्यान्वयन के लिए ग्लेशियर से बनी झीलों के विस्फोट से बाढ़ (जीएलओएफ) के खतरे को कम करने की परियोजना (एनजीआरएमपी) को मंजूरी दे दी है, जिसका वित्तीय परिव्यय 150.00 करोड़ रुपये है।

राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (एनडीएमएफ) से केंद्र का हिस्सा 135.00 करोड़ रुपये है, जबकि राज्यों को अपने स्वयं के संसाधनों से 15.00 करोड़ रुपये का योगदान करना होता है। परियोजना के तहत क्रमशः अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम राज्य सरकारों को 13.11.2024 को 1.83 करोड़ रुपये और 8.35 करोड़ रुपये की पहली किस्तें जारी की गई हैं।