सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट और डाउन टू अर्थ की सालाना रिपोर्ट स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2023 इन फिगर्स बताती है कि देश में औसतन हर साल 30 किसान व खेतिहर मजदूर (कृषि श्रमिक) आत्महत्या कर रहे हैं। अकेले 19 राज्यों में किसानों ने 2021 में आत्महत्या की, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 20 था।
इसके अलावा 9 राज्यों में किसानेां की आत्महत्या 2020 और 2021 के बीच बढ़ी है। असम में इस अवधि के दौरान किसान आत्महत्या की दर 13 गुणा बढ़ी है।
रिपोर्ट के मुताबिक देश में किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों में कमी आ रही है, लेकिन आत्महत्या करने वालों में कृषि श्रमिकों की संख्या बढ़ रही है। साल 2021 में 5,318 किसानों ने आत्महत्या की, जबकि 2020 में 5,579 किसानों ने आत्महत्या की थी। इसके अलावा 2020 में 5,098 कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की थी, जबकि 2021 में 5,563 कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट में आत्महरूज्ञ के कारणों पर प्रकाश नहीं डाला गया है, लेकिन 2016-17 में सरकार की एक अन्य रिोर्ट में इसके तीन कारण बताए गए हैं। पहला- मॉनसून की अनिश्चितता से फसलों को नुकसान, दूसरा- जल संसाधनों का अभाव तीसरा- कीटों का हमला अथवा रोग।