कृषि

एसओई इन फिगर्स 2023: लंपी से 1.86 लाख पशुओं की मौत, राजस्थान में सबसे ज्यादा प्रभाव दिखा

लंपी त्वचा रोग ने अगस्त 2019 में सबसे पहले ओडिशा में दस्तक दी थी। इसके बाद महज 16 महीनों में यह देखते ही देखते देश के 15 राज्यों में फैल गया

DTE Staff

पशुपालकों के लिए साल 2022 बेहद दिक्कत भरा रहा। लंपी त्वचा रोग (एलसीडी) ने पशुपालकों की कमर ही तोड़ दी। मई 2022 से देश में लंपी का प्रकोप ऐसा फैला कि मार्च 2023 तक 1.86 लाख पशुओं की मौत हो चुकी है, जबकि 32.80 लाख पशु इस रोग के शिकार हो चुके हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट व डाउन टू अर्थ द्वारा जारी सालाना रिपोर्ट स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2023 (एसओई) इन फिगर्स में पशुओं पर आई इस आफत को आंकड़ों के जरिए प्रस्तुत किया गया।

रिपोर्ट बताती है कि भारत इस समय अभूतपूर्व पशुधन संकट से जूझ रहा है। मई 2022 से लंपी त्वचा रोग (एलएसडी) 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल चुका है। राजस्थान सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। मार्च 2023 तक राजस्थान में एलसीडी से संक्रमित कुल पशुओं की संख्या 15,67,217 पहुंच चुकी है। जबकि यहां 76,030 पशुओं की मौत इस बीमारी से हो चुकी है। देश में मारे गए कुल पशुओं के मुकाबले राजस्थान की हिस्सेदारी 40 फीसदी हो चुकी है। 

इसके बाद लंपी से प्रभावित पशुओं की संख्या महाराष्ट्र में है। यहां 4,54,516 पशु एलसीडी से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 34,711 पशुओं की मौत हो चुकी है। इन दो राज्यों के अलावा कर्नाटक, गुजरात और पंजाब इस रोग से सबसे बुरी तरह प्रभावित होने वाले राज्य हैं। संक्रमित पशुओं की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी इन्हीं राज्यों में है।

लंपी से हुए नुकसान से संबंधित डाउन टू अर्थ की कवर स्टोरी पढ़ने के लिए क्लिक करें लंपी बीमारी ने बिगाड़े हालात, ग्रामीण ही नहीं शहरी भी प्रभावित

एलएसडी ने अगस्त 2019 में सबसे पहले ओडिशा में दस्तक दी थी। इसके बाद महज 16 महीनों में यह देखते ही देखते देश के 15 राज्यों में फैल गया। इनमें पश्चिमी हिमालयी राज्य जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गोवा,  अतिरिक्त आय के लिए पशुधन पर निर्भर लघु और सीमांत किसानों के लिए यह बड़ा झटका है।