कृषि

पीएम किसान सम्मान: बिहार के 31.57  लाख किसानों को नहीं मिला पैसा

लॉकडाउन की वजह से किसानों को परेशानी न हो, इसलिए केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान की राशि पहले देने की घोषणा की है

Umesh Kumar Ray

कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से शुरू किया गया देशव्यापी लाॅकडाउन पांचवें सप्ताह में प्रवेश कर चुका है। इस लाकडाउन का सबसे  ज़्यादा असर असंगठित क्षेत्र के कामगारों और किसानों पर पड़ा है। किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना की चौथी किस्त (हर पंजीकृत किसान को 2-2 हजार रुपए) जारी करने की घोषणा की, लेकिन बिहार के 31,57,500 किसानों को अभी तक ये राशि नहीं मिली है।

27 अप्रैल तक बिहार के 62,83,843 किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभुकों की सूची में शामिल हैं, लेकिन इनमें महज 49.75% (3126343) किसानों को ही चौथी किस्त मिली है।

25 अप्रैल तक 31,23,609 किसानों के अकाउंट में पीएम किसान का पैसा आया था। यानी तीन दिनों में 2734 किसानों के खातों में ही पैसा पाया है। अगर इसी रफ्तार से पैसा अकाउंट में आता है, तो शत-प्रतिशत किसानों के अकाउंट में पैसा पहुंचने में काफी वक्त लग जाएगा।  कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि बिहार के 16,19,631 किसानों को अभी (27 अप्रैल) तक तीसरी किस्त का पैसा नहीं मिला है।

जिन किसानों के खाते में पैसा नहीं गया है, उनका कहना है कि अगर पैसा वक्त पर नहीं आता है, तो इस स्कीम का कोई मतलब नहीं है। कटिहार जिले की किसान सुनीला देवी कहती हैं, "लाॅकडाउन के चलते हमलोग बहुत मुश्किल में हैं। हाथ में पैसा नहीं है। अगर समय पर पीएम किसान का पैसा जाता तो खेती-बारी में हमें बहुत मदद मिल जाती।" सुनीला देवी की तरह ही दूसरे किसानों की भी यही शिकायत है। भोजपुर जिले के पीरो ब्लाक के किसान द्वारका कहार ने बताया, "मेरे पास अभी तक चौथी किस्त का पैसा नहीं आया है। अगर पैसा मिल जाता, तो कुछ राहत होती।"

बिहार में भारी संख्या में किसानों के खाते में पैसा नहीं पहुंचना ही इकलौती समस्या नहीं है बल्कि आवेदन करने वाले किसानों का आवेदन भी बड़ी संख्या में रद्द हो रहा है। बिहार के कृषि विभाग की वेबसाइट के अनुसार 28 अप्रैल तक 93,46,785 किसानों ने इस स्कीम के लिए आवेदन किया है, लेकिन 62,83,843 किसान ही केंद्र सरकार की लाभार्थियों की सूची में शामिल हैं। लगभग 30.62 लाख किसानों के आवेदन प्रक्रियाधीन हैं। इनमें बहुत किसान ऐसे हैं, जिनका आवेदन रद्द हो गया है।

पुर्णिया जिले के दुर्गापुर के किसान मो. इदरीश ने पीएम किसान के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें अभी तक एक भी किस्त नहीं मिली है। उनके आवेदन को बैंक अकाउंट नंबर गलत देने के चलते रद्द कर दिया गया है। उनके बेटे ने बताया, "हमारे पास थोड़ा बहुत खेत है। इसी में खेती-बारी करते हैं और गांव में हिन्दू मजदूरी कर किसी तरह गुजारा करते हैं। हमलोगों ने बहुत पहले ही आवेदन किया था, लेकिन अभी तक एक रुपए भी नहीं मिला है।"

हालांकि जिन किसानों के खाते में पैसा गया है वे लाॅकडाउन के कारण बैंक जाने से कतरा रहे हैं। भोजपुर के किसान संतोष साव ने कहा, "खाते में पीएम किसान का पैसा आया है, लेकिन लाॅकडाउन और कोरोना के डर से पैसा निकालने के लिए बैंक नहीं जा रहे हैं।