कृषि

एनजीटी ने कहा सब्जियों में भारी धातु गंभीर मामला, सीपीसीबी नमूनों की प्रयोगशाला में करे जांच

धनिया और पालक में आयरन की मात्रा तय मानक से दोगुनी थी, जबकि कैडमियम जो कि एक खतरनाक भारी धातु है उसकी सामान्य मात्रा 0.2 एमजी प्रति किलोग्राम के विपरीत 52.30 एमजी प्रति किलोग्राम पाया गया।

Vivek Mishra

कर्नाटक की राजधानी में सब्जियों में अत्यधिक मात्रा में पाए गए खतरनाक भारी धातुओं के मामले पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) व अन्य स्थानीय प्राधिकरणों को कहा है कि वह सब्जियों के नमूने लेकर उनमें भारी धातुओं और कीटनाशकों की जांच सीपीसीबी के केंद्रीय प्रयोगशाला में करे। पीठ ने कहा कि जांच की यह रिपोर्ट दक्षिणी क्षेत्र में चेन्नई स्थित एनजीटी की पीठ के समक्ष पेश किया जाए। 

एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और एक्सपर्ट मेंबर डॉ ए सेंथिल वेल की पीठ ने इस स्वतः संज्ञान मामले में 21 नवंबर, 2023 को सीपीसीबी के अलावा  कर्नाटक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केपीसीबी) और चेतावनी रिपोर्ट जारी करने वाली संस्था एनवॉयरमेंटल मैनेजमेंड एंड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (ईएमपीआरआई) को पार्टी बनाया है। पीठ ने इन तीनों पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है। 

पीठ ने कहा कि सीपीसीबी सब्जियों में भारी धातुओं की जांच करने वाली संस्था ईएमपीआरआई की रिपोर्ट का परीक्षण करे और ग्राउंड सिचुएशन के साथ तथ्यात्मक रिपोर्ट दक्षिणी क्षेत्र में स्थित पीठ के पास दाखिल करे। पीठ ने कहा कि इस मामले में एक्शन भी लिया जाए और उसकी रिपोर्ट भी दाखिल की जाए।

एनजीटी ने मामले को अगली सुनवाई के लिए चेन्नई भेज दिया है। पीठ ने यह मामला एक समाचार के आधार पर चुना। इस समाचार में ईएमपीआरआई की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया था कि समूचे बंग्लुरू में सब्जियों में अत्यधिक मात्रा में खतरनाक भारी धातु की उपस्थिति है। 

ईएमपीआरआई ने 10 विभिन्न सब्जियों के 400 नमूनों एकत्र किए थे और पाया था कि फूड एंड एग्रीकल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) की ओर से तय  मानकों से भी अधिक उनमें भारी धातु की मौजूदगी है। इन सब्जियों को वेस्टवाटर के जरिए उगाया गया था, जिसके कारण सब्जियों में भारी धातु पहुंच गए। 

धनिया और पालक में आयरन की मात्रा तय मानक से दोगुनी थी, जबकि कैडमियम जो कि एक खतरनाक भारी धातु है उसकी सामान्य मात्रा 0.2 एमजी प्रति किलोग्राम के विपरीत 52.30 एमजी प्रति किलोग्राम पाया गया। और निकेल की मात्रा 67.9 एमजी प्रति किलोग्राम पाई गई। 

इस तरह की सब्जियों का आहार करने से अत्यधिक मात्रा में मौजूद भारी धातु शरीर के ऑर्गन को नुकसान पहुंचा सकते हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती है। 

वहीं, इस मामले में कर्नाटक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी में हलफनामा दाखिल कर बताया कि ईएमपीआरआई की रिपोर्ट और उनकी पड़ताल का गहन परीक्षण होना चाहिए ताकि भारी धातुओं की सब्जियों में मौजूदगी को और बेहतर तरीके से समझा जा सके। यह कार्य राज्यस्तर पर होना चाहिए। 

मामले की अगली सुनवाई चेन्नई में 10 जनवरी, 2024 को होगी।