केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए 1 जून को हुई आर्थिक मामलों की केबिनट कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सरकार ने वादा किया था कि किसानों को लागत से डेढ़ गुना अधिक एमएसपी दिया जाएगा। उस वादे को निभाते हुए एमएसपी में वृद्धि की गई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि जो एमएसपी अब बढ़ाया गया, उसमें किसानों को लागत से 50 से 83 प्रतिशत अधिक कीमत मिलेगी।
ये हैं नए न्यूनतम समर्थन मूल्य
क्रमांक |
फसल |
अनुमानित लागत 2020-21 प्रति क्विंटल |
2020-21 खरीफ एमएसपी |
पिछले वर्ष के मुकाबले एमएसपी में वृद्धि (रुपए में) |
लागत के मुकाबले आमदनी (% में) |
1 |
धान (कॉमन) |
1,245 |
1,868 |
53
|
50 |
2 |
धान(ग्रेड ए)^ |
- |
1,888 |
53
|
- |
3 |
ज्वार (हाइब्रिड) |
1,746 |
2,620 |
70
|
50 |
4 |
ज्वार(मालडांडी)^ |
- |
2,640 |
70
|
- |
5 |
बाजरा |
1,175 |
2,150 |
150
|
83 |
6 |
रागी |
2,194 |
3,295 |
145
|
50 |
7 |
मक्का |
1,213 |
1,850 |
90
|
53 |
8 |
तूर (अरहर) |
3,796 |
6,000 |
200
|
58 |
9 |
मूंग |
4,797 |
7,196 |
146
|
50 |
10 |
उड़द |
3,660 |
6,000 |
300
|
64 |
11 |
मूंगफली |
3,515 |
5,275 |
185
|
50 |
12 |
सूरजमुखी बीज |
3,921 |
5,885 |
235
|
50 |
13 |
सोयाबीन (पीला) |
2,587 |
3,880 |
170
|
50 |
14 |
तिल |
4,570 |
6,855 |
370
|
50 |
15 |
नाइजर सीड |
4,462 |
6,695 |
755
|
50 |
16 |
कपास (मीडियम स्टेपल) |
3,676 |
5,515 |
260
|
50 |
17 |
कपास (लॉन्ग स्टेपल)^ |
- |
5,825 |
275
|
- |
कृषि मंत्री ने बताया कि खेती या उससे जुड़े कामों के लिए 3 लाख तक के कर्ज की भुगतान की अंतिम तारीख 31 मार्च से बढ़ा कर 31 अगस्त कर दी गई है।
अभी बैंक किसानों से 9 फीसदी ब्याज लेते हैं। सरकार किसानों को इस कर्ज पर दो प्रतिशत की सब्सिडी देगी। इससे किसानों के लिए ब्याज दर घटकर 7 फीसदी रह जाएगी। लेकिन जो किसान समय से कर्ज चुकाएंगे, उन्हें ब्याज दर पर तीन फीसदी और छूट मिलेगी। इससे किसानों के कृषि कर्ज की ब्याज दर घटकर 4 प्रतिशत रह जाएगी। पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने कृषि कर्ज पर ब्याज दर में छूट पर 28 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे।
रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार का लोन
इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पीएम स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार रुपए तक के लोन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इस आशय की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मली सीतारमण ने अपने आर्थिक पैकेज में की थी।
जावड़ेकर ने किया कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत 5000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह पैसा लगभग 50 लाख रेहड़ी पटरी वालो तक पहुंचाया जाएगा। समय पर भुगतान करने वालों को 7 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी।
फिर बदली एमएसएमई की परिभाषा
पिछले दिनों सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) की परिभाषा में फेरबदल की घोषणा की थी। लेकिन 1 जून को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह मसौदा रखा गया तो एक बार फिर से इसमें बदलाव किया गया।
नए फैसले के मुताबिक, सूक्ष्य उद्योग उन्हें माना जाएगा, जिनमें एक करोड़ रुपए का निवेश और सालाना कारोबाार 5 करोड़ रुपए तक का होगा। यह परिभाषा मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण) और सेवा क्षेत्र दोनों के लिए होगी।
इसके अलावा लघु उद्योग उनको माना जाएगा, जिनका मशीनरी आदि में निवेश 10 करोड़ और सालाना कारोबार 50 करोड़ रुपए तक का होगा।
जबकि मझौले या मध्यम दर्जे का उद्योग उन्हें माना जाएगा, जिनमें 50 करोड़ रुपए का निवेश और सालाना कारोबार 250 करोड़ रुपए का होगा। इनमें एक्सपोर्ट का कारोबार नहीं जोड़ा जाएगा।
एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मुश्किल में फंसे दो लाख छोटे कारोबारियों के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का सबॉर्डिनेट डेट का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा सरकार एमएसई के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट के तहत 4000 करोड़ रुपए की मदद करेगी।
इसके अलावा सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपए के कोष के साथ फंड ऑफ फंड की स्थापना करने का भी निर्णय लिया।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने कहा था कि एमएसएमई सेक्टर के लिए तीन लाख करोड़ रुपए तक के लोन की गारंटी सरकार देगी।