कृषि

चार दलों में बंटी टिडि्डयां, दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों पर हमला

Shahnawaz Alam

फसलों की तबाही का सबब बनने वाला टिड्डियों के दल ने 27 जून को दिल्ली-एनसीआर पर हमला कर दिया। 27 जून की सुबह राजस्थान से सटे महेंद्रगढ़ से गुरुग्राम पहुंचा था। यहां से दिल्ली के कई इलाकों में टिडि्डयों का दल देखा गया।

गुरुग्राम के जिला उपायुक्त अमित खत्री का कहना है कि 27 जून को गुरुग्राम के कई इलाकों में टिड्डियों का दल देखा गया है। यह करीब 3 किमी लंबा है। पश्चिम से पूर्व हवा की दिशा होने के कारण इसने सुबह गुरुग्राम में प्रवेश किया। जिस वजह से नुकसान की कोई बात सामने नहीं आई है। फिर भी कृषि और बागवानी विभाग को रिपोर्ट करने को कहा गया है। इसके बाद यह दल दिल्ली की ओर बढ़ गया है। गुरुग्राम में अभी किसी तरह की फसल नहीं लगी हुई है। 

वहीं, केंद्र सरकार के लोकोस्ट वार्निंग ऑर्गनाइजेशन के उप निदेशक केएल गुर्जर ने डाउन टू अर्थ को बताया कि रेवाड़ी से टिड्डियों का दल 4 हिस्सों में बंट गया था। एक छोटा दल साउथ दिल्ली में देखा गया। हौज खास, साकेत, ओखला होते हुए यह फरीदाबाद-पलवल की तरफ मुड़ गया है। जबकि दूसरे दल झज्जर, तीसरा महेंद्रगढ़-गुरुग्राम, और चौथा सोनीपत की तरफ है। सभी जिला प्रशासनों को सतर्क कर दिया गया है।

अमित खत्री के मुताबिक 27 जून को गुड़गांव की कई कॉलोनियां सेक्टर 5, पालम विहार, अशोक विहार, राजेंद्रा पार्क, सूरत नगर, दौलताबाद फ्लाईओवर, डीएलएफ 2 आदि के आसपास के इलाके इसकी चपेट में आ गए। मारुति फेक्ट्री पर आक्रमण करके टिड्डी दल निकला। दिल्ली के छावला, बिजवासन होते हुए द्वारका तक पहुंच चुका है।

हरियाणा सरकार ने सभी जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया है। शनिवार को टिड्डी दलों के आगमन के बीच रेवाड़ी में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने गांव बोहतवास और जाटूसाना पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया।

गुरुग्राम के अधिकारी ने बताया कि महेंद्रगढ़ में टिड्डी दल पहुंचने के बावजूद विभाग की कोई खास तैयारी नहीं थी। अभी जिले में बागवानी की फसल लगी हुई है, लेकिन उसे बचाने के लिए कोई दवाई उपलब्ध नहीं है।  रेवाड़ी के जाटूसाना और गांव बोहतवास में टिड्डियों के नुकसान पहुंचाने की खबर है। 

दोपहर लगभग 12 बजे के टिडि्डयों का दल फरीदाबाद के विभिन्न इलाकों देखा गया। यहां ग्रीन फील्ड, सेक्टर-28, 29, 31 में टिडि्डयों ने पेड़ पौधों को काफी नुकसान पहुंचाया है। पहली बार इस तरह की टिडि्डयों को देख रहे स्थानीय लोगों को यह समझ नहीं आया कि इन्हें भगाने के लिए क्या किया जाए।