कृषि

खरीफ सीजन 2023: बुआई में सुधार के बावजूद 2021 के मुकाबले 21 लाख हेक्टेयर घटा रकबा

अगस्त माह के पहले सप्ताह तक खरीफ की फसलों का रकबा पिछले साल के बराबर तक पहुंच गया है, लेकिन 2021 के मुकाबले अभी भी कम है

Raju Sajwan

जुलाई के दूसरे पखवाड़े के दौरान हुई बारिश के कारण बेशक खरीफ सीजन की फसलों की बुआई के आंकड़ों में सुधार आया है, लेकिन अभी भी साल 2021 के मुकाबले 21.22 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुआई कम हुई है। खासकर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में फसलों की बुआई पर बड़ा असर दिख रहा है।

केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक चार अगस्त 2023 को समाप्त समाप्त तक भारत में 915.46 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुआई हो चुकी है, जबकि पिछले साल 2022 में अगस्त के पहले सप्ताह तक 911.67 लाख हेक्टेयर में ही फसलों की बुआई हुई थी। 

चूंकि 2022 में भी मॉनसून के असमान वितरण के कारण कई राज्यों में सूखे जैसे हालात थे, इसलिए अगस्त में बुआई कम हुई थी। ऐसे में अगर 2021 की बात करें तो देश में अब तक यानी अगस्त के पहले सप्ताह तक 972.69 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी।

हालांकि कई राज्य पिछले साल के बुआई के आंकड़ों को भी नहीं छू पाए हैं। जैसे कि आंध्र प्रदेश में इस साल 12.92 लाख हेक्टेयर में बुआई हो पाई है, जबकि पिछले साल 18.61 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। इस तरह असम में इस साल 13.76 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई है, जबकि पिछले साल 15.34 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी।

कर्नाटक में इस साल 54.90 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले 6.6 लाख हेक्टेयर जमीन पर बुआई नहीं हो पाई है।

महाराष्ट्र में इस साल 141.19 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई है, जबकि पिछले साल अगस्त के पहले सप्ताह तक 146.66 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी।

ओडिशा में इस साल 20.58 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही बुआई हो पाई है, जबकि पिछले साल अब तक 25.86 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी।

धान के रकबे में थोड़ा सुधार
पिछले साल के मुकाबले धान के रकबे में वर्तमान सीजन में सुधार तो हुआ है, लेकिन 2021 के मुकाबले अभी भी काफी कम है। पिछले साल अगस्त माह के पहले सप्ताह तक 273.73 लाख हेक्टेयर में धान लगाया जा चुका था, इस साल जुलाई के आखिरी सप्ताह में कुछ इलाकों में हुई ठीकठाक बारिश के कारण अब देश में धान का रकबा 282.99 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है।

लेकिन अगर बात 2021 की करें तो 2021 के अगस्त माह के पहले सप्ताह तक 314.13 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई हो चुकी थी। यानी कि 2021 के मुकाबले चालू सीजन में अभी भी 10 प्रतिशत धान का रकबा कम है।

खास बात यह है कि जुलाई के दूसरे सप्ताह में हरियाणा और पंजाब में आई बाढ़ में धान की फसल को नुकसान पहुंचने की खबरें आई हैं। बावजूद इसके इन दोनों राज्यों में धान के रकबे में पिछले साल के मुकाबले सुधार दिखाया गया है।

बिहार-झारखंड में पिछले साल धान की बुआई अच्छी खासी प्रभावित हुई थी। लगभग ऐसा ही इस साल भी हुआ, बावजूद इसके चालू सीजन में इन दोनों राज्यों में धान का रकबा पिछले साल के आसपास तो पहुंच गया है, लेकिन साल 2021 के मुकाबले अभी भी कम है।

2021 में बिहार में अगस्त के पहले सप्ताह तक 28.14 लाख हेक्टेयर में धान लगाया जा चुका था, लेकिन 2023 में 21.19 लाख हेक्टेयर में ही धान की बुआई हो पाई है।

इसी तरह झारखंड में 2021 के अगस्त माह के पहले सप्ताह में 12.43 लाख हेक्टेयर में धान लगाई जा चुकी थी, लेकिन 2023 में केवल 4.65 लाख हेक्टेयर में ही धान लगाई गई है, जो आधे से भी कम है।

ओडिशा में भी 2021 में लगभग 20 लाख हेक्टेयर धान लगाई गई थी, लेकिन 2023 में केवल 12.35 लाख हेक्टेयर में ही धान की बुआई हो पाई है।

इस मामले में पश्चिम बंगाल भी पिछड़ा हुआ है। 2021 में यहां 29.75लाख हेक्टेयर में धान लगाई गई थी, लेकिन चालू सीजन में केवल 17.07 लाख हेक्टेयर में ही धान लग पाई है।

दलहन में गिरावट
इस साल दलहन का रकबा काफी कम हुआ है। चालू सीजन में 106.88 लाख हेक्टेयर में दालों की बुआई की गई है, जबकि 2022 के अगस्त माह के पहले सप्ताह में 117.86 लाख हेक्टेयर में दालों की बुआई की गई थी, जबकि 2021 में 119.42 लाख हेक्टेयर में दालों की बुआई हो चुकी थी।