कृषि

संसद में आज: देश में प्रवासी और भूमिहीन किसानों की संख्या की जानकारी नहीं

साल 2022-23 में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 667.34 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है

Madhumita Paul, Dayanidhi

देश में प्रवासी और भूमिहीन किसान

भूमिहीन और प्रवासी किसानों की कोई विशेष जनगणना या सर्वेक्षण नहीं किया गया है। इसलिए देश में भूमिहीन और प्रवासी किसानों की सही संख्या उपलब्ध नहीं है, इस बात की जानकारी आज कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में दी।

जैविक खेती को बढ़ावा

सरकार 2015-16 से देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) और मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट इन नॉर्थ ईस्ट रीजन (एमओवीसीडीएनईआर) जैसी समर्पित योजनाओं को लागू कर रही है। किसानों को विभिन्न जैविक निवेश के लिए पीकेवीवाई के तहत 31000 रुपये प्रति हेक्टेयर हर तीन वर्ष और एमओवीसीडीएनईआर के तहत 32500 प्रति हेक्टेयर हर तीन साल के लिए सब्सिडी दी जाती है।

साल 2022-23 में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 667.34 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है, इस बात की जानकारी आज कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में दी।

खाद्य फसलों में एंटीबायोटिक का उपयोग

फसलों में एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध उपयोग के बारे में देश के किसी भी हिस्से से कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है, जिससे फसलों के बीच रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) का विकास और प्रसार हो रहा है। हालांकि, एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के मामले में केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (आरसी) सुओमोटो द्वारा सुरक्षित और बेहतर विकल्प खोजने के लिए विचार किया गया था, इस बात की जानकारी आज कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में दी।

देश में पौष्टिक भोजन का अभाव

लोकसभा में प्रश्न पूछा गया था कि, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट और डाउन टू अर्थ पत्रिका की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 71 फीसदी भारतीय पौष्टिक आहार वहन नहीं कर सकते हैं। साथ ही 17 लाख से अधिक लोग सालाना अस्वास्थ्यकर भोजन का सेवन करने के कारण होने वाली बीमारियों से मर जाते हैं। लोकसभा में इस प्रश्न का उत्तर देते हुए, महिला एवं बाल विकास मंत्री, स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा कि मंत्रालय को ऐसी किसी रिपोर्ट की जानकारी नहीं है।

ईरानी ने बताया कि, किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश द्वारा अस्वास्थ्यकर आहार से संबंधित मौतों का कोई आंकड़ा दर्ज नहीं किया गया है। सरकार द्वारा रियायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा तक पहुंच सुनिश्चित करके घरेलू स्तर पर खाद्य सुरक्षा के मुद्दे का समाधान किया गया है। कोविड महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराया गया।

ईरानी ने कहा, इसके अलावा, एक जनवरी 2023 को शुरू की गई नई एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना के तहत, वर्ष 2023 के लिए एनएफएसए के तहत 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जाएगा, जो सबसे कमजोर 67 फीसदी आबादी के लिए है।

देश में रोगाणुरोधी प्रतिरोध

सरकार भारत में रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) से उत्पन्न चुनौतियों से भली भांति परिचित है। यह लोगों के साथ-साथ स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के लिए एक  भारी बहुआयामी समस्या है। भारत में एएमआर के रुझानों और पैटर्न को समझने के लिए, आईसीएमआर ने 30 अस्पतालों को चुना है। जहां बैक्टीरिया और कवक के रोगाणुरोधी प्रतिरोध के रुझानों और पैटर्न पर आंकड़ों की निगरानी के लिए एक एएमआर निगरानी और अनुसंधान नेटवर्क (एएमआरएसएन) की स्थापना की गई है। इस बात की जानकारी आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में दी।

देश में मातृ मृत्यु के मामले

भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) द्वारा जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) एसआरएस 2017 से 19 में 103 प्रति एक लाख जीवित जन्मों से 6 अंकों की गिरावट के साथ 2018 से 20 में  प्रति एक लाख जीवित जन्म में 97 हो गया है।

भारत ने 100 प्रति एक लाख से कम जीवित जन्मों के एमएमआर के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी) लक्ष्य हासिल की है। 2030 तक इसके 70 प्रति एक लाख जीवित जन्मों से कम एमएमआर के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लक्ष्य को हासिल करने के मार्ग पर अग्रसर है,  यह आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में बताया।

कोविड-19 के नए वेरिएंट

पिछले 60 दिनों के दौरान, देश भर में भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम द्वारा विश्लेषण किए गए नमूनों में से 90 से अधिक नए वेरिएंटों का पता चला है। ओमिक्रॉन और इसकी उप-वंश भारत में प्रमुख रूप से बने हुए हैं। इनमें से, क्सबीबी, बीक्यू देश में सबसे प्रचलित वेरिएंट हैं, इस बात की जानकारी आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में दी।

कैंसर के बढ़ते मामले

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया कि लोकसभा में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 14,61,427 कैंसर के मामले सामने आए थे, जो कि वर्ष  2021 की तुलना में अधिक थे, 2021 में कैंसर के 14,26,447 मामले थे।

देश में गर्भाशय के कैंसर के बढ़ते मामले

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (आईसीएमआर-एनसीआरपी) के अनुसार, देश में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के मामलों की अनुमानित संख्या 2022 में 79,103 थी, यह आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में बताया।

एंटीबायोटिक दवाओं का अंधाधुंध प्रयोग

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में बताया कि एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग से पैदा होने वाले रोगाणुरोधी प्रतिरोध से उत्पन्न चुनौतियों से सरकार वाकिफ है।

पवार ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध पर रेड लाइन जागरूकता अभियान शुरू किया है, जिसमें लोगों से डॉक्टर के पर्चे के बिना एंटीबायोटिक सहित लाल खड़ी रेखा वाली दवाओं का उपयोग न करने का आग्रह किया गया है।