साल 2022-23 के दौरान 24.82 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले 
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संसद में आज : पीएम कुसुम योजना के तहत देश में लगे चार लाख सोलर वाटर पंप

Madhumita Paul, Dayanidhi

मॉनसून सत्र का तीसरा हफ्ता जारी है, सदन में उठाए गए एक सवाल का जवाब देते हुए आज, मत्स्य पालन मंत्री पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राज्य सभा में बताया कि डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) योजना 21 जनवरी, 2017 से 30 जनवरी, 2024 तक प्रभावी थी।

ललन सिंह ने कहा, डीआईडीएफ एक अवसंरचना विकास योजना है, जिसका उद्देश्य दूध प्रसंस्करण और ठंडा करने के संयंत्रों का आधुनिकीकरण करना है, साथ ही मूल्य संवर्धन को बढ़ाना है। इस तरह डीआईडीएफ योजना का उद्देश्य दूध उत्पादकों को लाभ पहुंचाना है, उन्हें उनके उत्पाद के लिए एक संगठित बाजार प्रदान करना और परियोजना क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करना है। जून 2024 तक, कुल 42.48 लाख उत्पादक सदस्यों में से लगभग 12.52 लाख महिला दूध उत्पादकों को डीआईडीएफ के तहत शामिल किया गया है, जिसमें 30 फीसदी की अहम भागीदारी है।

देश में पीएम-कुसुम के तहत सोलर एग्रीकल्चर पंप स्थापित करना

सदन में पीएम-कुसुम को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने लोकसभा में बताया कि 30 जुलाई 2024 तक पीएम कुसुम योजना के तहत 3,97,437 पंप लगाए जा चुके हैं। 30 जुलाई 2024 तक पीएम कुसुम योजना के तहत लाभान्वित होने वाले किसानों की कुल संख्या 4,11,222 है। नाइक ने कहा कि 30 जुलाई 2024 तक स्थापित 3,97,437 पंपों की उत्पादन क्षमता 1944 मेगावाट है।

विशाखापत्तनम के पुदीमदका में ग्रीन हाइड्रोजन हब परियोजना

वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में, राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने लोकसभा में एनटीपीसी से प्राप्त जानकी का हवाला देते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश के पुदीमदका में अलग से ग्रीन हाइड्रोजन हब स्थापित कर रही है। 1200 एकड़ में फैली इस परियोजना में अक्षय ऊर्जा और हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों में उपकरणों का निर्माण, साथ ही भारत में ग्रीन केमिकल उत्पादन से संबंधित सुविधाओं का निर्माण करना शामिल है।

भारत में गरीबी पर नीति आयोग की रिपोर्ट

आज सदन में पूछे गए के प्रश्न के उत्तर में, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में बताया कि नीति आयोग द्वारा प्रकाशित 2005-06 से भारत में बहुआयामी गरीबी पर हाल ही में प्रकाशित चर्चा पत्र के अनुसार, भारत में बहुआयामी गरीबी 2013-14 में 29.17 फीसदी से घटकर 2022-23 में 11.28 फीसदी होने का अनुमान है, जिसका अर्थ है कि इस अवधि के दौरान 24.82 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकल आए हैं

देश में बांध के ऊपरी हिस्सों में मछली पालन

सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, मत्स्य पालन मंत्री पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राज्य सभा में बताया कि 33 लाख हेक्टेयर से अधिक पानी वाले इलाके को कवर करने वाले जलाशयों की विशाल क्षमता को ध्यान में रखते हुए, इस क्षमता का उपयोग करने के लिए भारत सरकार के मत्स्य विभाग द्वारा कई पहल और नीतियां लागू की गई हैं।

जलाशयों के एकीकृत विकास पर जोर देने और दूर के इलाकों सहित मत्स्य संसाधनों का दोहन करने के लिए, 2015-16 से 2019-20 के दौरान कार्यान्वित नीली क्रांति पर केंद्र प्रायोजित योजना के तहत जलाशयों में मछलियों की पिंजरा आधारित खेती और व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण मछलियों की गुणवत्ता वाली फिंगरलिंग के साथ जलाशयों के भंडारण के समर्थन के लिए 420.36 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी।

इसके अलावा भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने पीएमएमएसवाई के तहत पिछले चार वित्तीय वर्षों (2020-21 से 2023-24) और चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान 1809.23 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय पर 50,710 जलाशय में पिंजरों की स्थापना, 27 जलाशयों के एकीकृत विकास और जलाशय क्षेत्र के 4.17 लाख हेक्टेयर में फिंगरलिंग के भंडारण के लिए परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।