कृषि प्रधान राज्य हरियाणा ने 28 फरवरी को पेश किए गए बजट 2020-21 में किसानों के लिए कई आकर्षक योजनाओं की घोषणा की। वित्त मंत्रालय संभाल रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण योजनाओं के लिए 23.92 फीसदी का इजाफा किया गया है। बजट में पहली बार महिला किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी सब्जी मंडियों में महिला किसानों के लिए 10 फीसदी आरक्षित करने की घोषणा की गई। साथ ही, किसान कल्याण प्राधिकरण में महिला सेल बनाने की भी घोषणा की गई।
वहीं, हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को भविष्य में ट्रस्ट मॉडल पर चलाने के बारे विचार करने की बात कही है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने इस योजना में अपना शेयर घटा दिया है। हरियाणा ने अपने बजट में मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत भी किसानों के फसल बीमा प्रीमियम का भुगतान करने का प्रावधान किया है।
बजट में प्रावधान किया गया है कि हरियाणा में छोटे और मझोले किसानों के बीच मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार बड़े किसानों को उपकरणों जैसे ट्रैक्टर, रोटावेटर, कंबाइन, हारवेस्टर आदि को किराए पर देने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इसके लिए किसान कल्याण प्राधिकरण द्वारा एक मोबाइल ऐप बनाई जाएगी। जिसमें कृषि विभाग द्वारा किसानों के उपकरणों को रजिस्टर्ड किया जाएगा। उसकी प्रति दिन की एक निर्धारित किराया भी तय की जाएगी। बजट में 5 एकड़ तक की भूमि वाले किसान को आयुष्मान भारत के तहत कवर करने की घोषणा की।
मिट्टी के अनुसार किसान फसल लगाए, इसे प्रोत्साहित कने के लिए सरकार ने कदम उठाए है। सॉयल हेल्थ कार्ड में दी गई सिफारिश के आधार पर जिन किसानों द्वारा फसल की बिजाई की जाएगी, उन्हें 50 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। बता दें कि 2015-17 के दौरान पहले चरण में 45.21 लाख और 2017-19 में 36.36 लाख सॉयल कार्ड जारी किए गए है। बजट में किसानों को सस्ती दर पर बिजली देने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग विशेष कृषि आधारित गतिविधियों के तहत 4.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली देगा। अब तक किसानों को 7.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है। किसानों को अपने उत्पाद बेचने में दिक्कत नहीं आए, इसके लिए हैफेड के तर्ज पर 2000 आधुनिक बिक्री केंद्र स्थापित करेगी।
बजट में मनोहर लाल ने किसानों की आमदनी बढ़ाने की बात करते हुए मत्स्य पालन पर अधिक जोर दिया, जबकि पशुपालन पर उनका फोकस कम रहा। पशुपालकों के लिए कोई घोषणा नहीं की गई। वर्ष 2020-21 में मत्स्य पालन 55,000 एकड़ और उत्पादन 2.60 लाख मीट्रिक टन करने का लक्ष्य रखा है। खारे पानी के मत्स्य फार्म के तहत जल क्षेत्र को बढ़ाया जाएगा और दो बड़े पेल्लेट फीड मिल प्लांट और दस छोटे फीड मिल प्लांट स्थापित किए जाएंगे। साथ ही प्रदेश में पहली बार 250-250 एकड़ क्षेत्रों में कैट फिश और पिलापिया कल्चर शुरू की जाएगी। इसके अतिरिक्त गहन मत्स्य विकास कार्यक्रम के तहत सामुदायिक भूमि की खुदाई की जाएगी।
ये भी हैं खास घोषणाएं
-अगले तीन साल में एक लाख एकड़ में जैविक व प्राकृतिक खेती का विस्तार किया जाएगा।
-हरियाणा के सभी मंडियों में क्रॉप ड्रायर लगाए जाएंगे, जिससे किसानों को फसल उत्पाद सुखाने में कोई परेशानी न आए और फसलों को पूरा भाव बिना किसी कट के मिल सके।