कृषि

हरियाणा बजट 2020-21: कृषि खर्च में आठ फीसदी तक होगा इजाफा!

Shahnawaz Alam

हरियाणा सरकार कृषि एवं उससे संबंध गतिविधियों के मद में करीब आठ फीसदी बजट बढ़ाने जा रही है। पहली बार वित्‍त महकमा संभाल रहे मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल 28 फरवरी को अपना बजट पेश करेंगे। बता दें कि हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्‍य है। वर्ष 2018-19 के आर्थिक सर्वे के मुताबिक, प्रदेश के कुल जीडीपी का करीब 14 फीसदी योगदान कृषि का है।

सूत्रों के मुताबिक इस बार का कृषि बजट 4100 करोड़ रुपए से अधिक का होगा। इसमें बड़ा हिस्‍सा किसानों के बीच पशुपालन और मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए इन महकमों को दिया जाएगा। कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों में बजट बढ़ाने से पहले मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा एग्रीकल्‍चर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों, किसान प्रतिनिधियों और विधायकों से राय भी ली। एक सत्र में आयोजित कृषि एवं संबद्ध से 38 बिंदुओं पर सुझाव आए थे। जिस पर अमल करते हुए सरकार ने बजट में इजाफा किया है। बता दें कि  वर्ष 2019-20 के बजट में हरियाणा सरकार ने कृषि एवं सम्बद्ध गतिविधियों के लिए 3834.33 करोड़ रुपये रखा था। इसमें कृषि क्षेत्र के लिए 2,210.51 करोड़ रुपए, पशुपालन के लिए 1026.68 करोड़ रुपए, बागवानी के लिए 523.88 करोड़ रुपए, और मत्स्य पालन के लिए 73.26 करोड़ रुपए था। जबकि सिंचाई एवं जल संसाधन के लिए  3,324.51 करोड़ रुपए का बजट था।

प्रदेश में भूजल और सिंचाई की स्थिति देखते हुए हरियाणा सरकार धान की खेती छोड़कर मक्‍का और अरहर की खेती बढ़ावा देने का फैसला लिया है। पीएम फसल बीमा योजना के तहत इन फसलों का पूरा प्रीमियम सरकार ने देने का निर्णय लिया है। इसका जिक्र बजट में सरकार करेगी। प्रधानमंत्री सम्‍मान निधि से इतर किसानों को पेंशन देने के लिए भी सरकार अलग से राशि घोषित कर सकती है। वहीं, बागवानी में हरियाणा सरकार ने कुल उत्‍पादन 15 फीसदी बढ़ाने का लक्ष्‍य रखा है। बागवानी के तहत खेती करने वाले किसानों की आमदनी बढ़े, इसके लिए भावांतर भरपाई योजना में सात फसल से बढ़ाकर दस फसल करने पर विचार कर रही है। मछली पालन बढ़ाने के लिए पीसीआर लैब भी शुरू की जाएगी। मछली पालन के क्षेत्र को मौजूदा 20,000 हेक्टेयर से बढ़ाकर 40,000 हेक्टेयर करने का लक्ष्‍य बजट सत्र में रखा जाएगा। जिसमें वाणिज्यिक झींगा खेती और अन्य मछली पालन पर विशेष जोर होगा।  

हरियाणा सरकार ने प्रदेश में सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए 3,700 करोड़ रुपए से अधिक का बजट करने का लक्ष्‍य रखा है। इसके तहत एक लाख हेक्‍टेयर में पानी पहुंचाया जाएगा। प्रदेश में 4.25 लाख हेक्‍टेयर कृषि भूमि लवणीय है। इसमें सिंचाई के उपयुक्‍त पानी की व्‍यवस्‍था की जाएगी। वहीं, इसके अलावा हरियाणा सरकार ने किसानों को डेयरी फार्मिंग के लिए प्रोत्‍साहित करने के लिए बजट में ऋण की व्‍यवस्‍था करने के साथ उनके विशेष सुविधा देने की व्‍यवस्‍था की है। दुधारू पशुओं की बीमा राशि बढ़ाई जा सकती है। डेयरी में महिलाओं को खास मदद दी जाएगी। जिससे प्रदेश में किसान पशुपालन की ओर आकर्षित हो और उससे आमदनी बढ़े। पशुपालन बढ़ाने पर जोर देने के पीछे त‍र्क दिया गया कि हरियाणा तीन तरफ से दिल्‍ली से घिर हुआ है। दिल्ली के नजदीक होने और प्रदेश में शहरी क्षेत्र होने के कारण दूध की अधिक खपत अधिक है।