उत्तराखंड सरकार ने हर्षिल सेब पट्टी में खराब हो चुका सेब खरीदने का भरोसा दिया है। नवगांव फल विक्रय केंद्र संस्था के सहयोग से
जिन किसानों के सेब स्केब (फफूंद) बीमारी की चपेट में आ गये हैं। उनके खराब सेब नवगांव फल विक्रय केंद्र और एक अन्य संस्था खरीदेगी। हर्षिल में 23 अक्टूबर को आयोजित होने जा रहे ‘एप्पल फेस्टिवल’ से पहले सरकार ने यह घोषणा की है।
सितंबर में मानसून की विदाई के दौरान औसत से ज्यादा बारिश होने से हर्षिल, मुखवा, दराली, बगोरी, झाला, जसपुर, पुराली और सुखी गांव में सेब के पेड़ों में नमी आ गई थी। जिससे सितंबर आखिरी में अचानक पेड़ों से सभी पत्ते झड़ गये और अक्टूबर शुरूआत में जब सेब तोडऩे का वक्त था। उस वक्त सेबों में स्केब (एक तरह की फफूंद) लग गई। जिससे किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो गई। जिसके चलते अधिकांश काश्तकारों को बड़ा झटका लगा।
कई काश्तकारों ने ‘डाउन टू अर्थ’ की टीम से शिकायत की थी कि उन्हें जो दवा बगीचों में डालने के लिये दी गई थी, वो मिलावटी थी। काश्तकारों ने ये भी बताया कि जिन लोगों ने देहरादून या हिमाचल से दवा लेकर छिडक़ाव किया था। उनकी फसल सलामत है। उधर, 23 और 24 अक्टूबर को हर्षिल में सरकार की ओर से एप्पल फेस्ट का आयोजन किया जा रहा था। उससे पहले ही काश्तकारों की खड़ी फसल बर्बाद होने की खबर से उत्तराखंड सरकार में भी अफरा तफरी का माहौल था।
शनिवार को पूर्व दर्जाधारी रविंद्र जुगरान ने किसानों की इस समस्या को लेकर उद्यान सचिव मीनाक्षी सुंदरम से मुलाकात की थी। शनिवार को ही सरकार ने तय किया कि जिन काश्तकारों की फसल बर्बाद हुई है। उनकी फसल को नवगांव फल विक्रय केंद्र और एक अन्य संस्थान के मार्फत खरीदा जायेगा।
सुंदरम ने बताया कि इससे पहले आराकोट सेब पट्टी की फसल भी आपदा के चलते खराब हो गई थी। वहां भी उद्यान विभाग ने ऐसे ही नवगांव फल विक्रय केंद्र के जरिये किसानों की फसल खरीद की थी। ऐसा ही हर्षिल फल पट्टी के लिये भी निर्णय लिया गया है। किसी भी किसान को आर्थिक तौर पर नुकसान नहीं होने दिया जायेगा।