कृषि

गेहूं के बाद चीनी के निर्यात पर लगा प्रतिबंध, सरकार ने दिए ये तर्क

सरकार की ओर से कहा गया है कि घरेलू उपलब्धता और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है

DTE Staff

गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के दस दिन बाद भारत ने 25 मई 2022 को चीनी के निर्यात को भी प्रतिबंधित कर दिया। सरकार की ओर से कहा गया है कि घरेलू उपलब्धता और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन विदेश व्यापार महानिदेशालय ने यह आदेश जारी किया है, जो 1 जून, 2022 से प्रभावी होगा। इस आदेश के मुताबिक, सितंबर में समाप्त होने वाले चीनी विपणन सत्र तक कुल 10 मिलियन (1 करोड़) टन तक निर्यात की ही अनुमति दी जाएगी।

24 मई को जारी एक बयान में कहा गया है, "चीनी के निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि और देश में चीनी के पर्याप्त भंडार को बनाए रखने की आवश्यकता के साथ-साथ चीनी की कीमतों को नियंत्रण में रखते हुए देश के आम नागरिकों के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने इसे विनियमित करने का निर्णय लिया है। चीनी मिलों और निर्यातकों को चीनी निदेशालय, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग से एक्सपोर्ट रिलीज ऑर्डर (ईआरओ) जारी कराना होगा। "

ब्राजील के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक है। सरकार ने चालू चीनी सीजन 2021-22 में चीनी के निर्यात को "ऐतिहासिक रूप से उच्चतम" कहा और कहा कि यह निर्णय "चीनी के रिकॉर्ड निर्यात" के आलोक में आया है।

"चीनी सीजन 2017-18, केवल 6.2 लाख मीट्रिक टन, 2018-19 में 38 लाख मीट्रिक टन और 2019-20 में 59.60 लाख मीट्रिक टन चीनी का निर्यात किया गया था।

बयान में कहा गया है कि चीनी सीजन 2020-21 में 60 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य के मुकाबले लगभग 70 एलएमटी निर्यात किया गया है। चालू चीनी सीजन 2021-22 में लगभग 90 लाख मीट्रिक टन के निर्यात के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं, लगभग 82 लाख मीट्रिक टन चीनी निर्यात के लिए चीनी मिलों से भेजी गई है और लगभग 78 लाख मीट्रिक टन निर्यात किया गया है।

इस निर्णय से यह सुनिश्चित होगा कि चीनी सीजन (30 सितंबर 2022) के अंत में चीनी का क्लोजिंग स्टॉक 60-65  लाख मीट्रिक टन  बना रहेगा, जो घरेलू उपयोग के लिए आवश्यक दो से तीन महीने का स्टॉक है।

सरकार के अनुसार उन महीनों में चीनी की मासिक आवश्यकता लगभग 24 लाख मीट्रिक टन रहती है।
कर्नाटक में अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में और महाराष्ट्र में अक्टूबर से नवंबर के आखिरी हफ्ते में और उत्तर प्रदेश में नवंबर में नया पेराई सीजन शुरू हो जाता है। इसलिए आमतौर पर नवंबर तक चीनी की आपूर्ति पिछले साल के स्टॉक से होती है।

भारत में चीनी का थोक मूल्य 3150 रुपये से 3500 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है जबकि खुदरा कीमतें देश के विभिन्न हिस्सों में 36-44 रुपये के दायरे में हैं।

13 मई को, सरकार ने "खाद्य सुरक्षा" बनाए रखने के लिए देश से सभी प्रकार के गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया।