कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-रिवरसाइड की अगुवाई वाली टीम ने पौधों को पानी में खड़े रखने में मदद करने के लिए एक रसायन बनाया है, जो बाढ़, सूखा पड़ने पर फसल के नुकसान से बचा सकता है और बदलते मौसम के बावजूद किसानों को फसल उगाने और पैदावार बढ़ाने में मदद कर सकता है।
शोध का नेतृत्व करने वाले कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-रिवरसाइड में प्लांट सेल जीवविज्ञान के प्रोफेसर शॉन कटलर ने कहा कि दुनिया भर में सूखे के कारण फसलों का सबसे अधिक नुकसान होता है, बाढ़ की भी इस होने वाले नुकसान में अहम भूमिका होती है। इन सभी समस्याओं से निजात पाने के लिए, यह रसायन एक नया उपकरण है जो जल स्तर कम होने पर भी किसानों को फसल उगाने में बेहतर प्रबंधन करने में मदद कर सकता है।
साइंस पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक इस एंटी-वॉटर-लॉस केमिकल को ओपबैक्टिन अथवा "ओपी" नाम दिया गया है। 2013 में कटलर की टीम ने ओपी का पहला संस्करण विकसित किया था, जिसे क्विनाबैक्टिन कहा जाता है। यह सूखे की स्थिति में पौधों द्वारा उत्पादित प्राकृतिक हार्मोन की तरह एबीसीएसिक एसिड या एबीए उत्पन्न करता है। सूखा होने पर एबीए पौधे की वृद्धि को धीमा कर देता है इसलिए यह अधिक पानी का उपभोग नहीं करता है और साथ ही मुरझाता भी नहीं है।
कटलर ने कहा कि वैज्ञानिकों को पहले से ही पता है कि पौधों में एबीए को छिड़कने से उनकी सूखा सहने की क्षमता में सुधार हो सकता है, लेकिन अधिकांश किसानों के लिए यह बहुत महंगा है। क्विनाबैक्टिन प्राकृतिक हार्मोन एबीए का ही एक विकल्प है। इस पर एक दर्जन से अधिक पेटेंट दाखिल किए गए हैं। हालांकि, क्विनाबैक्टिन कुछ महत्वपूर्ण फसल जैसे कि गेहूं के लिए उपयोगी नहीं रहा है।
कटलर ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, रिवरसाइड और मेडिकल कॉलेज ऑफ विस्कॉन्सिन के सहयोगियों के साथ मिलकर अलग-अलग हार्मोन-की नकल करने वाले अणुओं की खोज की, जो दोनों हैंडलों (बॉन्ड) को पकड़ लते हैं। यह खोज रासायनिक इंजीनियरिंग के 'ओपी' रसायन के रूप में हुई।
ओपी दोनों हैन्डलों (बॉन्ड) को संभालता है और एबीए की तुलना में 10 गुना अधिक मजबूत है, जो इसे "सुपर हार्मोन" बनाता है। और यह तेजी से काम करता है। इस सुपर हार्मोन का उपयोग करने से कुछ ही घंटों के भीतर, कटलर की टीम ने पानी में छोड़े गए पौधों की मात्रा में बहुत बड़ा सुधार पाया।
कटलर ने कहा कि यदि हमें लगता है कि सूखा पड़ने वाला है, तो हमारे पास निर्णय लेने के लिए पर्याप्त समय होता है, ऐसे समय पर हम ओपी रसायन का उपयोग कर सूखे से निपट सकते है, साथ ही यह फसल की पैदावार में सुधार कर सकते है।