राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश से होते हुए अब टिड्डियों का दल बिहार में भी प्रवेश कर चुका है। दो दिन पहले उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे रोहतास जिले के कोचस में टिड्डियों का दल आ गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि टिड्डियों के दल ने पीपल, बेर, शीशम आदि बड़े वृक्षों पर डेरा डाला और उन्हें नुकसान पहुंचाया।
इसकी जानकारी जिले के कृषि पदाधिकारियों को दी गई, जिसके बाद उसी रात दमकल की गाड़ियों के साथ कृषि पदाधिकारी पहुंचे और रसायन का छिड़काव कर टिड्डियों को भगाया। रोहतास जिले के कृषि पदाधिकारी राधा रमण ने डाउन टू अर्थ को बताया, “चूंकि अभी रोहतास में कोई फसल नहीं लगी हुई और धान का बिचरा है भी तो वो बहुत छोटा है, इसलिए फसल को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। हमलोग रात को ही दमकल की गाड़ियों के साथ पहुंचे और पेड़ों पर रसायन का छिड़काव किया, जिससे बड़ी संख्या में टिड्डियां मरीं।”
कृषि विभाग से जुड़े एक अन्य अधिकारी ने कहा, “रसायन से जो टिड्डियां बच गई थीं, वे 25 जून की सुबह बक्सर की तरफ रवाना हो गईं। हम लोगों ने बक्सर के जिला कृषि पदाधिकारियों के इसकी जानकारी दे दी है।” हालांकि, बक्सर से टिड्डियों की मौजूदगी की कोई खबर नहीं आई है।
उक्त अधिकारी ने कहा कि प्रयागराज में टिड्डियों को भगाने के लिए भारी मात्रा मे रसायन का छिड़काव हो रहा है। संभवतः इसी वजह से टिड्डियों का दल रोहतास की तरफ आ गया था।
उधर, 25 जून को कैमूर में भी टिड्डियों का दल देखा गया है। ये जिला भी उत्तर प्रदेश सीमा से सटा हुआ है। कैमूर के एक अधिकारी ने बताया, “यहां 4-5 ब्लॉक में टिड्डी दल का हमला हुआ है। यहां जो टिड्डियां देखी गई हैं, उनका आकार रोहतास में आई टिड्डियों से बड़ा है और ये 5-6 हजार के झुंड में देखे गए हैं।”
कैमूर में भी कल सुबह से ही रसायन छिड़काव चल रहा है। ये अभियान शुक्रवार को भी जारी रहा। कृषि विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और रोहतास तथा कैमूर के अलावा अन्य जिलों में टिड्डियो की मौजूदगी की सूचना नहीं आई है। एहतियात के तौर पर सभी जिलों के कृषि पदाधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है।