देश में पहला गणतंत्र दिवस ऐसा है जब राष्ट्रीय राजधानी में अलग-अलग हिस्सों से हजारों किसानों का जत्था सरकार की रजामंदी से नहीं बल्कि पुलिस की कागजी अनुमति से किसान रिपब्लिक परेड के लिए दाखिल हो रहा है। किसानों की इस ट्रैक्टर परेड के लिए दिल्ली के तीन प्रमुख रास्तों से इंट्री की इजाजत दी गई है, इनमें सिंघु , टिकड़ी व गाजीपुर बॉर्डर शामिल हैं। हालांकि, किसानों की ट्रैक्टर परेड तभी शुरू होगी जब राजपथ की आधिकारिक परेड खत्म हो जाएगी।
वहीं, किसान नेताओं ने 25 जनवरी, 2021 को जारी बयान में कहा कि 01 फरवरी, 2021 को, जिस दिन बजट जारी किया जाएगा उस दिन किसान पैदल ही संसद का घेराव भी करेंगे।
दिल्ली पुलिस की तरफ से जिन रूट पर किसानों को ट्रैक्टर रैली की इजाजत दी गई है उनमें सिंघु बॉर्ड का रूट कुल 63 किलोमीटर का होगा। टिकड़ी का रूट 62.5 किलोमीटर का होगा और गाजीपुर का रूट 68 किलोमीटर का होगा।
दिल्ली की सीमाओं पर तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान यूनियनों को 62 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। 11 बार सरकार के साथ बैठक हुई है लेकिन बैठकें निस्सार रही हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि तीनों कृषि बिलों को खत्म करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू करने की मांग जारी है और देशभर के किसानों से इसका समर्थन मिल रहा है। आंदोलन में अब तक 151 से अधिक किसानों की जान जा चुकी है।
संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक उड़ीसा से किसान दिल्ली चलो यात्रा के तहत किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंच चुके हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से किसान परेड के लिए शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा गुजरात खीदत मंच से जुड़े हुए 200 महिला और 300 पुरुष किसान भी यूपी के शाहजहांपुर से होते हुए दिल्ली के रा्स्ते में हैं।
कई राज्यों में भी किसान राजधानी और जिला स्तर पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं। झारखंड के गढ़वा में पैदल मार्च और रांची में किसान स्थानीय लोग राजभवन की तरफ मार्च निकालेंगे। जबकि मध्य प्रदेश में भोपाल, भिंड, ग्वालियर में भी मार्च निकाली जाएगी। इसके अलावा बिहार में दरभंगा व भोजपुर में कई स्थानों पर प्रदर्शन होंगे।
किसान संयुक्त मोर्चा ने परेड के लिए किसानों को हिदायतें भी जारी की हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने परेड में शामिल हो रहे किसानों को आगाह भी किया है। जारी किए गए बयान में कहा गया है कि इस परेड के जरिए देश और दुनिया को अपना दुख दर्द दिखाना है, तीनों किसान विरोधी कानूनों की सच्चाई को बताना है। हमें ध्यान रखना है कि इस ऐतिहासिक परेड में किसी किस्म का धब्बा ना लगने पाए। परेड शांति पूर्वक और बिना किसी वारदात के पूरी हो इसमें हमारी जीत है।
परेड के लिए यह हैं तैयारियां
परेड की शुरुआत किसान नेताओं की गाड़ी से होगी। उनसे पहले कोई ट्रैक्टर या गाड़ी रवाना नहीं होगी। हरे रंग की जैकेट पहने ट्रैफिक वॉलिंटियर किसानों को रास्ता बताएंगे। परेड का रूट तय हो चुका है। उसके निशान लगे होंगे। पुलिस और ट्रैफिक वॉलिंटियर आपको गाइड करेंगे। जो गाड़ी रूट से बाहर जाने की कोशिश करेगी उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। सब गाड़ियां परेड पूरी करके वही वापस पहुंचेंगी जहां से शुरू हुई थी।
इसके अलावा एक ट्रैक्टर पर ज्यादा से ज्यादा ड्राइवर समेत पांच लोग सवार होंगे। बोनट, बंपर या छत पर कोई नहीं बैठेगा। सब ट्रैक्टर अपनी लाइन में चलेंगे कोई रेस नहीं लगाएगा। परेड में किसान नेताओं की गाड़ियों से आगे या उनके साथ अपनी गाड़ी लगाने की कोशिश नहीं करेगा। ट्रैक्टर में ऑडियो डेक नहीं बजाए जाएंगे।
किसानों को क्या-क्या करना है और क्या नहीं करना है, यह भी हिदायत किसानों को दी गई है।
- परेड में ट्रैक्टर और दूसरी गाड़ी चलेंगी, लेकिन ट्रॉली नहीं जाएगी। जिन ट्रालियों में विशेष झांकी बनी होगी उन्हें छूट दी जा सकती है। पीछे से ट्रॉली की सुरक्षा का इंतजाम करके जाएं।
- अपने साथ 24 घंटे का राशन पानी पैक करके चलें। जाम में फंसने पर ठंड से बचाव का इंतजाम भी रखें।
- संयुक्त किसान मोर्चा की अपील है कि हर ट्रैक्टर या गाड़ी पर किसान संगठन के झंडे के साथ-साथ राष्ट्रीय झंडा भी लगाया जाए। किसी भी पार्टी का झंडा नहीं लगेगा।
- अपने साथ किसी भी तरह का हथियार ना रखें, लाठी या जेली भी ना रखें। किसी भी भड़काऊ या नेगेटिव नारे वाले बैनर ना लगाएं।