कृषि

हरियाणा में अपनी धान बेच सकेंगे दूसरे राज्यों के किसान

पड़ोसी राज्यों से धान न खरीदने के कारण हरियाणा सरकार को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा था

Raju Sajwan

पड़ोसी राज्यों के किसानों की फसल न खरीदे जाने की वजह से विरोध का सामना कर रही हरियाणा सरकार ने घोषणा की है कि आज से राज्य से बाहर के किसानों के लिए धान की खरीद हेतु "मेरी फसल, मेरा ब्यौरा" पोर्टल पर पंजीकरण खोल दिया गया है। ऐसा करने से अब धन खरीद सीजन के दौरान दूसरे राज्यों के किसानों को भी अपनी फस्ल बेचने में मदद मिलेगी।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 5 अक्टूबर रात लगभग 10 बजे ट्विट करके यह जानकारी दी।

उन्होंने यह भी बताया कि खरीद सीजन के दौरान आज (5 अक्टूबर 2020) मंडियों में 8 लाख 34 हजार क्विंटल से ज्यादा धान पहुंचा। जिसमें से 43 हजार क्विटल से ज्यादा की खरीद की गई। इसके अलावा 56 हजार क्विटल से ज्यादा बाजारे में से 4 हजार क्विंटल से ज्यादा की खरीद की गई।

यहां यह उल्लेखनीय है कि हरियाणा में पहली बार धान की सरकारी खरीद की शर्त रखी गई है कि मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल में पंजीकृत किसानों की धान खरीदी जाएगी। जबकि इस पोर्टल में अब तक केवल हरियाणा के ही किसानों का पंजीकरण किया जाता है।

सरकार के इस कदम की वजह से हरियाणा की मंडियों में पड़ोसी राज्यों के किसान अपनी धान नहीं बेच पा रहा था। इस पर किसानों की नाराजगी थी कि एक ओर केंद्र सरकार यह दावा कर रही है कि नए कृषि कानून के बाद किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच सकता है, परंतु हरियाणा में दूसरे राज्यों के किसान अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं।

इससे पिछले वर्षों तक हरियाणा की मंडियों में दूसरे राज्यों के किसान अपनी उपज सरकारी एजेंसियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेचते थे, लेकिन जब राज्य के किसान इसका विरोध करते थे, तो राज्य सरकार पाबंदी लगा दी थी, परंतु इस बार पोर्टल की वजह से दूसरे राज्यों के किसान हरियाणा की मंडियों में अपनी धान नहीं बेच पा रहे हैं।

डाउन टू अर्थ ने 30 सितंबर 2020 को हरियाणा की अनाज मंडी होडल (पलवल) का जायजा लिया था। होडल उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से सटा हुआ है और यहां की मंडी में 65 से 70 फीसदी उत्तर प्रदेश के किसान अपनी उपज बेचते हैं। लेकिन इस बार "मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल की शर्त की वजह से उत्तर प्रदेश के किसानों को बताया गया था कि उनसे सरकारी खरीद नहीं होगी। इस वजह से उत्तर प्रदेश के किसानों को यहां अपनी धान 1200 से 1300 रुपए क्विंटल की दर से बेचनी पड़ रही है। पढ़े, पूरी खबर : ग्राउंड रिपोर्ट: 1200 रुपए प्रति क्विंटल धान बेचने को मजबूर हुए किसान, एमएसपी है 1868 रुपए