कृषि

केंद्र देना चाहता है किसानों को 6000 रुपए, लेकिन...

Raju Sajwan

आम चुनाव से पहले मोदी सरकार ने किसानों को 6000 रुपए सालाना देने की घोषणा की थी। पहली और दूसरी किस्त जारी भी की जा चुकी है। चुनाव जीतने के बाद स्कीम का दायरा भी बढ़ा दिया गया है, लेकिन इन सबके बावजूद केंद्र सरकार की चिंता यह है कि राज्य सरकारों का सहयोग नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार का कहना है कि सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) का लाभ देने के बाद अनुमान लगाया गया था कि इससे 12 करोड़ किसानों को फायदा होगा। बाद में सही आकलन करने में पाया कि इस स्कीम का लाभ देश भर के 14.5 करोड़ मिलेगा, लेकिन राज्य सरकारें किसानों का ब्यौरा ही केंद्र के पास नहीं भेज रहे हैं।

सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्यों के कृषि मंत्रियों की बैठक में यह बात रखी गई। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने सभी लघु व सीमांत किसानों को 6000 रुपए सालाना नगद राशि देने का निर्णय लिया है, जिसके बारे में सभी राज्यों को सूचित कर दिया गया है और उनसे अपील की गई है कि वे अपने राज्य के किसानों का ब्यौरा केंद्र को भेजें। बावजूद इसके अब तक लगभग 43 फीसदी (3.56 करोड़) किसानों का ही ब्यौरा केंद्र को मिला है।

इन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकारों की लापरवाही के कारण किसानों का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई तक जिन किसानों का ब्यौरा केंद्र को मिल जाएगा, उन्हें स्कीम की पहली किस्त 2000 रुपए भेज दी जाएगी, लेकिन 31 जुलाई के बाद जिन किसानों का ब्यौरा केंद्र के पास आएगा, उन्हें यह किस्त नहीं मिलेगी। उन्हें अगली किस्त दी जाएगी। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि इस बारे में राज्य सरकारों से साफ-साफ बता दिया गया है, बावजूद इसके अब तक कई राज्यों ने उत्साह नहीं दिखाया है।

बिहार का जिक्र करते हुए बताया गया कि बिहार में 1 करोड़ 63 लाख किसानों को पीएम-किसान के तहत 6000 रुपए का लाभ मिल सकता है, लेकिन बिहार से अब तक 838000 किसानों का ही ब्यौरा केंद्र को मिला है, जिन्हें उनकी किस्त भेज दी गई है। बताया गया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और गुजरात ने इस दिशा में अच्छी पहल की है और उनके राज्यों से किसानों का ब्यौरा लगातार आ रहा है।

15 दिन में मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड

बैठक में राज्यों को यह भी बताया गया कि किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है और केंद्र का लक्ष्य है कि 31 अगस्त तक लगभग 3 करोड़ क्रेडिट कार्ड किसानों को दे दिए जाएं। किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर अब तक जो दिक्कतें किसानों को आ रही थीं, उन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है और आने वाले दिनों में केवल 15 दिन में किसान को क्रेडिट कार्ड मिल जाएगा। किसान को केवल अपनी जमीन का रिकॉर्ड और दो फोटो देनी होंगी। साथ ही, कार्ड बनाने को लेकर लगने वाले सारे चार्ज भी माफ कर दिए गए हैं।

बैठक में पीएम किसान मानधन योजना का भी जिक्र करते हुए कहा गया कि इस स्कीम के तहत किसान को 3000 रुपए मासिक पेंशन मिलेगी और किसान को 20 से 40 साल की उम्र में स्कीम में शामिल होना होगा। इसकी किस्त का आधा हिस्सा केंद्र सरकार जमा कराएगी। जानकारी दी गई कि इस स्कीम को पीएम-किसान से भी जोड़े जाने की व्यवस्था है। यदि कोई किसान चाहे कि पीएम-किसान से मिलने वाले 2000 रुपए की किस्त में से पेंशन की किस्त कट जाए तो ऐसा भी किया जा सकता है। इसलिए किसान को केवल अपनी स्वीकृति देनी होगी।