कृषि

पीएमजीकेएवाई विस्तार पर कैबिनेट की मंजूरी, अब मार्च 2022 तक मिलेगा गरीबों को राशन

Vivek Mishra

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 24 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को मार्च 2022 तक विस्तार देने का निर्णय लिया गया। इसके तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) सहित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) (अन्त्योदय अन्न योजना एवं प्राथमिकता प्राप्त घरों) के दायरे में आने वाले सभी लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांच किलो अनाज मुफ्त प्राप्त होता रहेगा।

पीएमजीकेएवाई का यह पांचवा चरण है, जिसमें चार महीने की बढ़ोत्तरी की गई है। अब यह योजना एक दिसंबर, 2021 से शुरु होकर मार्च, 2022 तक चलेगी। इसमें अनुमानित रूप से 53344.52 करोड़ रुपये की अतिरिक्त खाद्य सब्सिडी दी जायेगी। वहीं इसके लिए 163 लाख टन खाद्यान्न उठान की संभावना है। 

कोविड-19 के मद्देनजर शुरु की गई इस योजना का पहला और दूसरा चरण क्रमशः अप्रैल से जून 2020 और जुलाई से नवंबर, 2020 में चलाया गया था। योजना का तीसरा चरण मई से जून, 2021 तक परिचालन में रहा। योजना का चौथा चरण इस समय जुलाई-नवंबर, 2021 तक चलेगा।

सरकार ने मार्च 2020 में घोषणा की थी कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रति व्यक्ति, प्रति माह के हिसाब से पांच किलोग्राम अतिरिक्त रूप से निःशुल्क अनाज (चावल/गेहूं) दिया जायेगा, जो नियमित मासिक एनएफएसए खाद्यान्न, यानी उनके राशन कार्ड पर नियमित रूप से देय खाद्यान्न से अधिक होगा।

अब तक पीएम-जीकेएवाई के चार चरणों में  राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कुल मिलाकर लगभग 600 लाख मीट्रिक टन का आवंटन किया है, जो लगभग 2.07 लाख करोड़ रुपये की खाद्यान्न सब्सिडी के बराबर है। वहीं पीएमजीकेएवाई चरण एक से पांच में सरकार को लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये का खर्च आयेगा।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक योजना की ताजा स्थिति के तहत अब तक 93.8 प्रतिशत अनाज उठा लिया गया है और लगभग 37.32 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) (जुलाई 2021 का 93.9 प्रतिशत), 37.20 एलएमटी (अगस्त 2021 का 93.6 प्रतिशत), 36.87 एलएमटी (सितंबर 2021 का 92.8 प्रतिशत), 35.4 एलएमटी (अक्टूबर 2021 का 89 प्रतिशत) और 17.9 एलएमटी (नवंबर, 2021 का 45 प्रतिशत) अनाज क्रमशः लगभग 74.64 करोड़, 74.4 करोड़, 73.75 करोड़, 70.8 करोड़ और 35.8 करोड़ लाभार्थियों को वितरित किया गया।