कृषि

बढ़ते प्रदूषण से धनबाद में सांसों पर लगा आपातकाल, अन्य शहरों को पीछे छोड़ 436 पर पहुंचा एक्यूआई

देश के दूसरे शहरों को पीछे छोड़ धनबाद की हवा में घुला जहर आपात स्थिति में पहुंच गया है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 436 दर्ज किया गया है

Lalit Maurya

देश के दूसरे शहरों को पीछे छोड़ धनबाद की हवा में घुला जहर आपात स्थिति में पहुंच गया है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 436 दर्ज किया गया है। जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि धनबाद में वायु प्रदूषण की स्थिति किस कदर खराब हो चली है।

इसी तरह देश के छोटे बड़े 18 शहरों में प्रदूषण से हालात दमघोंटू बने हुए हैं। कल के मुकाबले देखें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 28 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इन शहरों में आसनसोल (281), भरतपुर (211), भिवाड़ी (251), भिवंडी (201), भुवनेश्वर (206), बिलीपाड़ा (235), ब्यासनगर (269), दौसा (222), धारूहेड़ा (242), दुर्गापुर (216), ग्रेटर नोएडा (215), गुरूग्राम (236), किशनगंज (201), कोलार (206), नागौर (216), नयागढ़ (263), श्रीगंगानगर (233) और विरार (213) शामिल हैं। कल इन शहरों का आंकड़ा 13 दर्ज किया गया था। वहीं दूसरी तरफ देश में पालकलाईपेरुर में हवा सबसे बेहतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 28 रिकॉर्ड किया गया है।

इसी तरह देश के 15 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रूपनगर, सिलचर, वाराणसी और विरुधुनगर शामिल हैं। भारत के 88 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। बेंगलुरु, भिलाई, भिवानी, भोपाल, बीदर, बिहारशरीफ आदि शामिल हैं। वहीं कल के मुकाबले देखें तो संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 24 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह देश के 113 शहरों में वायु गुणवत्ता का सतर मध्यम श्रेणी में है। हालांकि कल की तुलना में देखें तो इन शहरों की संख्या में करीब 19 फीसदी का इजाफा हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल के मुकाबले प्रदूषण के स्तर में 12 अंकों का उछाल आया है। वहीं फरीदाबाद में भी सूचकांक में चार अंकों का इजाफा दर्ज किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 अप्रैल 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 236 में से 16 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 88 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 अप्रैल 2024 यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था।

113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 18 शहरों आसनसोल, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, दौसा, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, किशनगंज, कोलार, नागौर, नयागढ़, श्रीगंगानगर, विरार में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में धनबाद (436) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 12 अंक बढ़कर 175 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 198, गाजियाबाद में 158, गुरुग्राम में 236, नोएडा में 176, ग्रेटर नोएडा में 215 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 155 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 167, चेन्नई में 58, चंडीगढ़ में 101, हैदराबाद में 119, जयपुर में 192 और पटना में 174 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

वाराणसी सहित देश के जिन 16 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 44, अरियालूर 32, बागलकोट 50, चामराजनगर 47, चिक्कामगलुरु 46, देवास 50, झांसी 49, मदिकेरी 40, मिलुपारा 48, पालकलाईपेरुर 28, पुदुचेरी 36, रामनाथपुरम 37, रूपनगर 42, सिलचर 49, वाराणसी 31, और विरुधुनगर 42 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अकोला, अमरावती, अमृतसर, आरा, बरेली, बाड़मेर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भिवानी, भोपाल, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बूंदी, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हावेरी, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जालंधर, जलना, जींद, कलबुर्गी, कन्नूर, करनाल, कारवार, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडीदीप, मैसूर, नगांव, नासिक, ऊटी, पंचकुला, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सासाराम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उदयपुर, वापी, विजयवाड़ा, यादगीर, यमुनानगर आदि 88 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।